अ’वालिम-ए-ख़म्स
(पाँच लोक) ׃ सूफ़ियों के मुताबिक़ जब सत्ता के विभिन्न गुण, जीवन, ज्ञान, शक्ति, इरादा, सुनना, देखना और बोलना आदि प्रकट हाते हैं, तब वह लाहूत (देवत्व) के नाम से जाना जाता है और जब उसके गुण क्रियात्मक रूप धारण करते हैं, जैसे सृष्टि करना, जीवन-दान करना, मारना तब उसे जबरूत (शक्ति) कहते हैं. जब ये क्रियाशील गुण विभिन्न लोकों में प्रकट हुए तब उन्हीं में अनुरूप उनका नामकरण भी हुआ. जैसे जब ये जन्नत में प्रकट हुए तब वे ‘आलम-ए-मलकूत’ कहलाए और सदृश रूपों में प्रकट होने के कारण वे ‘आलम-ए-मिसाल’ कहलाए तथा भौतिक जगत् में अभिव्यक्त होने पर ‘आलम-ए-नासूत’. इन्हें सूफ़ी ‘अवालिम-ए-ख़म्स’ कहते हैं.
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