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Sufinama

अम्न पर अशआर

जान-ए-मन जानान-ए-मन हम दर्द-ओ-हम दरमान-ए-मन

दीन-ए-मन-ओ-ईमान-ए-मन अम्न-ओ-अमान-ए-उम्मताँ

अहमद रज़ा ख़ान

बदाँ मर्दुमक पूतली अम्न-चैन

दिगर ऐ’न हम-चश्म हम-दीदः नैन

अमीर ख़ुसरौ

जिस जगह अम्न समझ कर मैं ज़रा जा बैठा

मेरी तक़दीर से वो भी दर-ए-क़ातिल निकला

सब्र लखनवी

यहाँ से निकल मक्के कूँ जाना

वो है जा-ए-अम्न-अमाना

अमानुल्लाह

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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