Font by Mehr Nastaliq Web

स्टेज पर क़व्वाली अपनी इन्फ़िरादियत के साथ

अकमल हैदराबादी

स्टेज पर क़व्वाली अपनी इन्फ़िरादियत के साथ

अकमल हैदराबादी

MORE BYअकमल हैदराबादी

    रोचक तथ्य

    کتاب ’’قوالی امیر خسرو سے شکیلا بانو تک‘‘ سے ماخوذ۔

    हिन्दोस्तान में नाटक कंपनियों की दो क़िस्में थीं। अव्वल वो जो ड्रामे पेश किया करती थीं और दोउम वो जो सिर्फ़ खेल तमाशे नाच गाना और छोटे छोटे मज़ाहिया ख़ाके पेश करती थीं। दूसरी क़िस्म की कंपनीयों ने 1890 के लग भग क़व्वाली के फ़नकारों को भी अपनी टीम में मुस्तक़िलन शरीक कर लिया और अपने दीगर आइटमों के साथ क़व्वाली के भी मुन्फ़रिद आइटम अपने हर शो में दो तीन बार पेश करने की बिना डाली।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY
    बोलिए