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Sufinama

अब चार दिनों की छुट्टी है और उन से जा कर मिलना है

हसरत जयपुरी

अब चार दिनों की छुट्टी है और उन से जा कर मिलना है

हसरत जयपुरी

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    रोचक तथ्य

    فلم : آس کا پنچھی۔

    ज़मीं काग़ज़ की बन जाए समुंदर रौशनाई का

    बयाँ फिर भी होगा हम से ये क़िस्सा जुदाई का

    अब चार दिनों की छुट्टी है और उन से जा कर मिलना है

    जिस माँग ने दिल को माँग लिया उस माँग में तारे भरना है

    अब चार दिनों की ...

    दिल अपना अभी से धड़के है देखेंगे उन्हें तो क्या होगा

    हम होश भी अपने खो देंगे मस्ती से भरा जल्वा होगा

    वो सामने हों फिर आए मज़ा कुछ कहना है कुछ सुनना है

    अब चार दिनों की ...

    वो भी तो हमारी राहों में ज़ुल्फ़ों को सँवारे आएँगे

    और फूल चमेली के गजरे ख़ुश हो के हमें पहनाएँगे

    अब चाँद की तर्ह चमकना है सूरज की तरह निकलना है

    अब चार दिनों की ...

    आँखों में जवाँ शिकवे होंगे होंटों पे हँसी लहराएगी

    सागर से मिलेगी जब नदिया तूफ़ान पे रौनक़ आएगी

    अब बादल बन कर बरसना है मौजों की तरह से उभरना है

    अब चार दिनों की ...

    वो हम से कहेंगे शर्मा के परदेस गए थे क्या लाए

    हम उन से कहेंगे जान-ए-जाँ दिल अपना बचा कर ले आए

    अब आँख मिलाओ बात करो हम सामने हैं क्या पर्दा है

    अब चार दिनों की ...

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    मोहम्मद रफ़ी

    मोहम्मद रफ़ी

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