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Sufinama

मुझे अपना मुखड़ा दिखा रे सजन

नियाज़ वज़िरबादी

मुझे अपना मुखड़ा दिखा रे सजन

नियाज़ वज़िरबादी

MORE BYनियाज़ वज़िरबादी

    मुझे अपना मुखड़ा दिखा रे सजन

    जुदाई दिया दिल जला रे सजन

    तिरे 'इश्क़ फूँका मेरा तन-बदन

    लगी को बुझा रे बुझा रे सजन

    शब-ओ-रोज़ फ़ुर्क़त में रोता हूँ मैं

    कभी मेहर से अब हँसा रे सजन

    पूछा कभी हाल बीमार को

    पूछी दिलों की द्वारे सजन

    अगर आप आते नहीं इस जगह

    मुझे पास अपने बला रे सजन

    'नियाज़' अब बे-चारा कहे दम-ब-दम

    गले से तो मुझ को लगा रे सजन

    स्रोत :
    • पुस्तक : Kalam-e-Niyaz Urf Nala-e-Firaq (पृष्ठ 11)

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