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कहानी -20-राजनीति- गुलिस्तान-ए-सा’दी

सादी शीराज़ी

कहानी -20-राजनीति- गुलिस्तान-ए-सा’दी

सादी शीराज़ी

MORE BYसादी शीराज़ी

    एक हाकिम के बारे में मैंने सुना कि वह बादशाह के ख़ज़ाने को भरने के लिए लोगों को लूट-लूटकर उन्हें तबाह करता था। उसने बुद्धिमानों की इस कहावत पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया कि जो व्यक्ति किसी दूसरे को ख़ुश करने के लिए ऐसे काम करता है जिनसे नुक़्सान नाराज़ हो जाए तो वह पापी है। अल्लाह ऐसे व्यक्ति का भाग्य उन्हीं लोगों के हाथ में दे देता है जिन पर उसने अत्याचार किया है, ताकि वे उससे बदला ले सके और उसे बर्बाद कर दें।

    'जलती हुई आग राई के दाने को इतनी तेज़ी से नहीं जलाती जितनी तेज़ी से किसी दिल जले के दिल का धुआँ दिल जलाने वाले ज़ालिम को जलाता है।

    'लोग कहते हैं कि शेर सब जानवरों में श्रेष्ठ है, इसीलिए वह जंगल का राजा कहलाता है और गधा जानवरों में सबसे निकम्मा, फिर भी मनुष्य उस बोझा ढोने वाले गधे को फाड़ खाने वाले शेर से उत्तम समझता है।'

    'बेचारा गधा बुद्धि नहीं रखता; परन्तु बोझा ढोने के काम तो आता है, इसलिए सबको प्यारा है। बोझा ढोने वाले गधे और बैल उन लोगों से अच्छे है, जो दूसरों को सताते हैं।'

    अब उस मूर्ख हाकिम की कहानी सुनिए। किसी तरह बादशाह को उसके कुकर्मों का पता चल गया। फिर क्या था! उस पर तरह-तरह के आरोप लगाए गए और इतनी यातनाएँ दी गईं कि वह मर गया।

    'बादशाह तुझसे उस समय तक ख़ुश नहीं रह सकता जब तक तू उसके प्रजा की सहानुभूति पा ले। यदि तू चाहता है कि ख़ुदा तुझ पर मेहरबान रहे तो तू उसके द्वारा पैदा किए गए इन्सानों के साथ भलाई कर।'

    कहा जाता है कि उसकी लाश के पास से कोई उसी के ज़ुल्म का मारा हुआ व्यक्ति गुज़रा और उसे इस तबाही में पड़ा देखकर बोला, 'ऊँचे ओ’हदे पर पहुँचकर यदि तू अहंकार वश ग़रीबों और कमज़ोरों को लूटकर खाएगा, तो वह माल तुझे हज़म नहीं होगा। कठोर हड्डी को निगला तो जा सकता है, लेकिन जब वह अन्दर पहूचेगी, तो पेट को फाड़ डालेगी।'

    'निर्दयी और अत्याचारी बहुत दिनों ज़िन्दा नहीं रहेगा; परन्तु उसकी निंदा हमेशा होती रहेगी।'

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