Font by Mehr Nastaliq Web

जहाँ बदला तो बदला तू भी ऐ जान-ए-जहाँ बदला

ख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मजज़ूब

जहाँ बदला तो बदला तू भी ऐ जान-ए-जहाँ बदला

ख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मजज़ूब

MORE BYख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मजज़ूब

    जहाँ बदला तो बदला तू भी जान-ए-जहाँ बदला

    ज़मीं बदली तो बदली थी ग़ज़ब है आसमाँ बदला

    मिरी दुनिया-ए-दूँ को तू ने पीर-ए-मुग़ाँ बदला

    क़ियास अब हो गया ’इरफ़ाँ तुम्हीं से अब गुमाँ बदला

    तरीक़-ए-'इश्क़ में गो कारवाँ पर कारवाँ बदला

    लेकिन रह-गुज़र बदली मीर-ए-कारवाँ बदला

    रहा बार-ए-अमानत गो वबाल-ए-दोश रस्ते भर

    कंधा भी मगर हम ने तह-ए-बार-ए-गराँ बदला

    करूँ क्या दिल है बा-सद ज़ोहद-ओ-तक़्वा माइल-ए-रिन्दी

    जिबिल्लत क्या बदल सकती 'अमल को अपने हाँ बदला

    रह छोड़ी हम ने नक़्श-पा-ए-रह-रवाँ छोड़े

    हवा के रुख़ पे रुख़ तू ने तो गर्द-ए-कारवाँ बदला

    बहुत गो 'इश्क़ में 'मज्ज़ूब' बदला तुम ने हाल अपने

    मगर जैसा बदलना चाहिए वैसा कहाँ बदला

    वीडियो
    This video is playing from YouTube

    Videos
    This video is playing from YouTube

    नूर अहमद क़ासमी

    नूर अहमद क़ासमी

    स्रोत :

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY
    बोलिए