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Sufinama

जहाँ बदला तो बदला तू भी ऐ जान-ए-जहाँ बदला

ख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मज्ज़ूब

जहाँ बदला तो बदला तू भी ऐ जान-ए-जहाँ बदला

ख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मज्ज़ूब

MORE BYख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मज्ज़ूब

    जहाँ बदला तो बदला तू भी जान-ए-जहाँ बदला

    ज़मीं बदली तो बदली थी ग़ज़ब है आसमाँ बदला

    मिरी दुनिया-ए-दूँ को तू ने पीर-ए-मुग़ाँ बदला

    क़ियास अब हो गया ’इरफ़ाँ तुम्हीं से अब गुमाँ बदला

    तरीक़-ए-'इश्क़ में गो कारवाँ पर कारवाँ बदला

    लेकिन रह-गुज़र बदली मीर-ए-कारवाँ बदला

    रहा बार-ए-अमानत गो वबाल-ए-दोश रस्ते भर

    कंधा भी मगर हम ने तह-ए-बार-ए-गराँ बदला

    करूँ क्या दिल है बा-सद ज़ोहद-ओ-तक़्वा माइल-ए-रिन्दी

    जिबिल्लत क्या बदल सकती 'अमल को अपने हाँ बदला

    रह छोड़ी हम ने नक़्श-पा-ए-रह-रवाँ छोड़े

    हवा के रुख़ पे रुख़ तू ने तो गर्द-ए-कारवाँ बदला

    बहुत गो 'इश्क़ में 'मज्ज़ूब' बदला तुम ने हाल अपने

    मगर जैसा बदलना चाहिए वैसा कहाँ बदला

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    नूर अहमद क़ासमी

    नूर अहमद क़ासमी

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