Font by Mehr Nastaliq Web

शायर और अदीब

कुल: 2410

आधुनिक समय के महत्वपूर्ण ना’त-गो शाइ’र

हिन्दुस्तान के मुमताज़ सूफ़ी और अमीर ख़ुसरो के पीर-ओ-मुर्शिद

मस्नवी मख़ज़नुल-असरार, ख़ुसरौ शीरीं और लैला मज्नूँ के मुसन्निफ़

लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् और साहित्यकार. शायरी,कथा साहित्य और अनुवाद के अलावा विद्वत्तापूर्ण कई अहम किताबों के रचनाकार. अपने समय की लोकप्रिय साहित्यिक पत्रिका ‘निगार’ के सम्पादक रहे

काको का एक नव-जवान शाइ’र

बेदम वारसी के उस्ताद-ए-मोहतरम और अबुल-उ’लाई सिलसिले के एक मशहूर अकबराबादी शाइ’र

सहसवान के मा’रूफ़ अदीब, मज़मून-निगार और शाइ’र-ए-मश्शाक़

नज़्म तबातबाई, सय्यद अ’ली हैदर (1852-1933) उर्दू के अ’लावा अ’रबी और फ़ारसी की गहरी महारत थी। अंग्रेज़ी भी जानते थे। पहले कलकत्ता में वाजिद अ’ली शाह के शहज़ादों को पढ़ाने का काम किया और फिर हैदराबाद पहुँचे जहाँ निज़ाम कालेज में उस्ताद मुक़र्रर हुए। ‘दारुत्तर्जुमा’ में अनुवाद का काम भी किया। उनकी किताब ‘शर्ह-ए-दीवान-ग़ालिब बहुत मशहूर हैं, जिस में उन्होंने ग़ालिब को समझने-समझाने का एक नया अंदाज क़ाएम किया है।

अग्रणी शायर जिन्होंने भारतीय संस्कृति और त्योहारों पर नज्में लिखीं। होली, दीवाली, श्रीकृष्ण पर नज़्मों के लिए मशहूर

बोलिए