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Sufinama

ईरान के शायर और अदीब

कुल: 69

महबूबान-ए-ख़ुदा की फ़िहरिस्त में एक अ’ज़ीम नाम

'असीरी' का शुमार ईरान के सूफ़ी शो'रा में होता है. अल्लामा इक़बाल ने अपनी कुछ नज़्मों में इनकी शैली को अपनाया है.

सातवीं सदी हिज्री के मशहूर फ़लसफ़ी-ओ-शाइ’र

नीशापूर के अ’ज़ीम शाइ’र, मुसन्निफ़ और अदवियात के माहिर

हाफ़िज़

1315 - 1390

फ़ारसी के मक़बूल-तरीन शाइ’र और फ़ाल-नामा के लिए मशहूर

अनल-हक़ का ना’रा लगाने वाला एक शहीद-ए-हक़ सूफ़ी

जामी

1414 - 1492

सूफ़ियाना शे’र कहने वाला एक आ’लमी शाइ’र और मुसन्निफ़

अ’ह्द-ए-शाह जहानी का मा’रूफ़ शाइ’र

ईरान का मशहूर फ़ारसी शाइ’र

आठवीं सदी हिज्री के आ’रिफ़, अदीब-ओ-शाइ’र

हज़रत मख़दूम-ए-जहाँ शैख़ शर्फ़ुद्दीन अहमद यहया मनेरी के मुरीद-ओ-ख़लीफ़ा और जांनशीन

मस्नवी मख़ज़नुल-असरार, ख़ुसरौ शीरीं और लैला मज्नूँ के मुसन्निफ़

आ’लमी फ़ारसी रुबाई-गो शाइ’र और फ़लसफ़े की दुनिया का उस्ताद जिनका अपना कलेंडर था, आपके इ’ल्म-ओ-फ़ज़्ल का ए’तराफ़ अहल-ए-ईरान से बढ़ कर अहल-ए-यूरोप ने किया

ईरान के एक बड़े मुअ’ल्लिम, आपकी दो किताबें गुलसिताँ और बोसतां बहुत मशहूर हैं, पहली किताब नस्र में है जबकि दूसरी किताब नज़्म में है

इस्फ़हान के मुम्ताज़ शाइ’र

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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