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Sufinama

मदीने की ज़मीं पर सुब्ह का 'आलम पसंद आया

अबुल वफ़ा फ़सिही

मदीने की ज़मीं पर सुब्ह का 'आलम पसंद आया

अबुल वफ़ा फ़सिही

MORE BYअबुल वफ़ा फ़सिही

    मदीने की ज़मीं पर सुब्ह का 'आलम पसंद आया

    सुकूत-ए-सब्ज़ा-ओ-गुल गिर्या-ए-शबनम पसंद आया

    सर-ए-मैदान-ए-ताएफ़ एक मर्द-ए-नैनवाई को

    मोहम्मद मुस्तफ़ा का गेसू-ए-पर-ख़म पसंद आया

    वो हर 'आलम की रहमत हैं किसी 'आलम में रह जाते

    ये उन की मेहरबानी है कि ये 'आलम पसंद आया

    ब-फ़ैज़-ए-गर्मी-ए-'इश्क़-ए-नबी ये हाल है हमदम

    बयाबान-ए-'अरब का आतिशीं मौसम पसंद आया

    दर-ए-जानाँ ये क्या गुज़री दिल-ए-जानाँ ने क्या समझा

    मिरी हस्ती को मेरा सज्दा-ए-पैहम पसंद आया

    हरम वालो मुबारक हो दयार-ए-क़ुद्स में रहना

    मुझे लेकिन दयार-ए-रहमत-ए-'आलम पसंद आया

    'अरब के संग-ए-दर पर है 'अजम की लौह-ए-पेशानी

    तमाशा देखने वालों को ये संगम पसंद आया

    तसव्वुर ने दयार-ए-’इश्क़ की मंज़िल पे पहुँचाया

    'वफ़ा' हम को यही रहबर यही हमदम पसंद आया

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