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क्या कहूँ हिज्र है अच्छा कि विसाल अच्छा है

अरशद अमरोहवी

क्या कहूँ हिज्र है अच्छा कि विसाल अच्छा है

अरशद अमरोहवी

MORE BYअरशद अमरोहवी

    क्या कहूँ हिज्र है अच्छा कि विसाल अच्छा है

    जिस में महबूब-ए-ख़ुदा ख़ुश हैं वो हाल अच्छा है

    कोई देखे तो मोहम्मद की ग़ुलामी का शरफ़

    हक़-ए-इक़्लीम के शाहों से बिलाल अच्छा है

    गुलशन ख़ुल्द मिला ख़ुल्द में दीदार-ए-ख़ुदा

    सरफ़रू शान-ए-मोहम्मद का मुहाल अच्छा है

    नाम पर उन के जो मिट जाए वो जान अच्छी है

    राह में उन की जो लुट जाए वो माल अच्छा है

    शे'र कहता हूँ 'अजब ना'त‌‌‌‌-ए-नबी में 'अरशद'

    हर सुख़नवर से मेरा शहर-ए-हिलाल अच्छा है

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    मनज़ूर आलम नियाज़ी

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