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Sufinama

पर्दा-ए-नूर में हैं यार मदीने वाले

अज़ीज़ुद्दीन रिज़वाँ क़ादरी

पर्दा-ए-नूर में हैं यार मदीने वाले

अज़ीज़ुद्दीन रिज़वाँ क़ादरी

MORE BYअज़ीज़ुद्दीन रिज़वाँ क़ादरी

    पर्दा-ए-नूर में हैं यार मदीने वाले

    नूर की बन गए दीवार मदीने वाले

    पाक रख दिल को सदा बुग़्ज़-ओ-हसद से ग़ाफ़िल

    ख़ुद नज़र आएँगे दिल-दार मदीने वाले

    गर समझ लेता ये शैतान तो सज्दा करता

    शक्ल-ए-आदम में हैं सरकार मदीने वाले

    नूर ज़म होने लगा नूर में मे'राज की शब

    पा लिए नूर के असरार मदीने वाले

    दूनों 'आलम में था ग़ुल सल-ल्ललाहु सलल्लाह

    जब तवल्लुद हुए सरदार मदीने वाले

    साथ दुनिया में रहे और रहेंगे हश्र में साथ

    मेरे आक़ा मेरे सरकार मदीने वाले

    आप के नूर से सींचा गया सारा 'आलम

    हम सब गुल हैं तो हैं गुलज़ार मदीने वाले

    हम को जन्नत की हवस है ग़रज़ हूरों से

    हम हैं बस तेरे तलब-गार मदीने वाले

    ख़ौफ़ महशर का हमें है हमें क़ब्र का ख़ौफ़

    है दो-'आलम के मदद-गार मदीने वाले

    ख़ाक पहचानते क्या 'अक़्ल के अंधे 'रिज़वान'

    फिर रहे हैं सर-ए-बाज़ार मदीने वाले

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    अज्ञात

    अज्ञात

    स्रोत :
    • पुस्तक : अल-कबीर

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