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शह-ए-दीन-ओ-दुनिया हमारे नबी हैं

बह्ज़ाद लखनवी

शह-ए-दीन-ओ-दुनिया हमारे नबी हैं

बह्ज़ाद लखनवी

MORE BYबह्ज़ाद लखनवी

    शह-ए-दीन-ओ-दुनिया हमारे नबी हैं

    दो-’आलम का मंशा हमारे नबी हैं

    ज़माने के ऊपर करम ही करम है

    'इनायत सरापा हमारे नबी हैं

    हमारे नबी पर ख़ुदा ख़ुद है शैदा

    ख़ुदा ही पे शैदा हमारे नबी हैं

    समझेगी दुनिया ये रम्ज़-ए-मोहब्बत

    हमारी तमन्ना हमारे नबी हैं

    दमकते रहेंगे दो-'आलम के ज़र्रे

    कि वज्ह-ए-तजल्ला हमारे नबी हैं

    किधर हैं इधर आएँ सब ग़म के मारे

    ग़मों का मुदावा हमारे नबी हैं

    हैं 'बहज़ाद' हम इसलिए मस्त-ए-बतहा

    कि जानान-ए-बतहा हमारे नबी हैं

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