ख़ुदा का बरगुज़ीदा है मु’ईनुद्दीन अजमेरी
रोचक तथ्य
منقبت در شان غریب نواز خواجہ معین الدین چشتی (اجمیر-راجستھان)
ख़ुदा का बरगुज़ीदा है मु’ईनुद्दीन अजमेरी
नबी का नूर-ए-दीदा है मु’ईनुद्दीन अजमेरी
तिरी ता'ज़ीम की ख़ातिर शब-ओ-रोज़ आस्ताने पर
सरगर्दूं ख़मीदा है मु'ईनुद्दीन अजमेरी
मनाज़िल कर के तय ऐ सालिको सारे हक़ीक़त के
ब-क़ुर्ब-ए-हक़-रसीदा है मु'ईनउद्दीन अजमेरी
नसीम-ए-सुब्ह-ए-गुलज़ार-ए-तरीक़त आप के दम से
मिरे दिल में हमीदा है मु'ईनउद्दीन अजमेरी
तिरे अख़्लाक़ पर है परतव-ए-ख़ुल्क़-ए-रसूल अल्लाह
सिफ़त तेरी हमीदा है मु'ईनउद्दीन अजमेरी
उसी का दिल है असरार-ए-हक़ीक़त से तिरे वाक़िफ़
ख़ुदा तक जो रसीदा है मु'ईनउद्दीन अजमेरी
कोई कुछ भी कहे क्या ख़ौफ़ है तस्कीन तिरे दर पर
'फ़िदा' का सर ख़मीदा है मु'ईनउद्दीन अजमेरी
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