किया है न करेगा कोई ऐसा मर्हबा सज्दा
रोचक तथ्य
موسیٰ آزاد قوال کی آواز میں فلمی طرز پر لکھی ہوئی مقبولِ عام منقبت درشان حضرت امام حسین (کربلا-عراق)
किया है न करेगा कोई ऐसा मर्हबा सज्दा
हुसैन इब्न-ए-'अली तुम ने तो रन में कर लिया सज्दा
यही कहते थे यारब बख़्श दे उम्मत मोहम्मद की
दुआ' वल-फ़ज्र थी और सूरा-ए-यासीन था सज्दा
गला था ज़ेर-ए-ख़ंजर और सज्दे में झुका था सर
हुआ तन से जुदा सर तब कहीं पूरा हुआ सज्जदा
कहा जिब्रील ने रो कर 'इबादत उस को कहते हैं
बदन छलनी जबीं ज़ख़्मी मगर रुक न सका सज्दा
नमाज़ी कोई ऐसा आज तक सज्दा न कर पाया
उसी बाइ'स ज़मीं पर क़र्ज़ है शब्बीर का सज्दा
'हुनर' सद-आफ़रीं का'बे ने जिस को ख़ुद सलामी दी
ख़ुदा को जब 'अली के ला'ल ने रन में क्या सज्दा
- पुस्तक : Moosa Azad Qawwal, Part 1 (पृष्ठ 6)
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