मुश्किल-कुशा करमल्लाहो वजहु
ऐ बादशाह ला-फ़ता मौला-अली मुश्किल-कुशा
हमराज़-ए-महबूब-ए-ख़ुदा मौला-अली मुश्किल-कुशा
क्या अस्फ़िया क्या औसिया क्या atqiyaa क्या औलिया
है सब का तुम से सिलसिलः मौला-अली मुश्किल-कुशा
शाह-ए-ज़मन का'बः-वतन अज़दर-फ़िगन ख़ैबर-शिकन
मर्हबा-सद-मर्हबा मौला-अली मुश्किल-कुशा
क्या शान है शान-ए-नबी क्या आन है आन-ए-नबी
क्या नाम है नाम-ए-ख़ुदा मौला-अली मुश्किल-कुशा
नूर-ए-समद शेर-ए-अहद माह-ए-शरफ़ शाह-ए-नजफ़
अब्र-ए-करम बहर-ए-सख़ा मौला-अली मुश्किल-कुशा
चाहा रसूल-अल्लाह ने तलवार दी अल्लाह ने
ठहरे नसीर के ख़ुदा मौला-अली मुश्किल-कुशा
उस आँख से जिस आँख ने मख़मूर दो-आलम किए
मेरी तरफ़ भी देखना मौला-अली मुश्किल-कुशा
हो जाए रद्द उस की बला जो ये कहे सुब्ह-ओ-मसा
मुश्किल में हूँ आ जाओ या मौला-अली मुश्किल-कुशा
कब तक सऊबत में रहूँ कब तक ये रंज-ओ-ग़म सहूँ
आख़िर तो हूँ मैं आप का मौला-अली मुश्किल-कुशा
बेबस कड़ी मंज़िल में हूँ बेकस बड़ी मुश्किल में हूँ
कीजे मिरी इमदाद या-मौला-अली मुश्किल-कुशा
'अकबर' जो चाहे माँगना 'वारिस' का दे दे वास्तः
फिर देखना देते हैं क्या मौला-अली मुश्किल-कुशा
- पुस्तक : रियाज़-ए-अकबर: असली दीवान-ए-अकबर (पृष्ठ 20)
- रचनाकार : मोहम्मद अकबर ख़ाँ वारसी
- प्रकाशन : मतबा मजीदी, मेरठ
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