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Sufinama

मिरी हर आन महबूब-ए-इलाही

नूरुल हसन नूर

मिरी हर आन महबूब-ए-इलाही

नूरुल हसन नूर

MORE BYनूरुल हसन नूर

    रोचक तथ्य

    منقبت در شان محبوبِ الٰہی خواجہ نظام الدین اؤلیا (دہلی-بھارت)

    मिरी हर आन महबूब-ए-इलाही

    तिरे क़ुर्बान महबूब-ए-इलाही

    दर-ए-'इरफ़ान-ए-बारी खोलता है

    तिरा 'इरफ़ान महबूब-ए-इलाही

    ’उरूज-ओ-औज क़दमों में पड़े हैं

    ये तेरी शान महबूब-ए-इलाही

    जहान-ए-मा'रिफ़त में है नुमायाँ

    तिरा ऐवान महबूब-ए-इलाही

    विला की मम्लिकत है नाम जिन के

    हैं वो सुल्तान-ए-महबूब-ए-इलाही

    हर इक मुश्किल मिरी तेरे करम से

    हुई आसान महबूब-ए-इलाही

    मिरी हसरत 'आलाउद्दीन साबिर

    मिरा अरमान महबूब-ए-इलाही

    तिरी चश्म-ए-'अता रक्खे हमेशा

    हमारा ध्यान महबूब-ए-इलाही

    बने मर्ज़ी ख़ुदा-ए-आब-ओ-गिल की

    तिरा फ़रमान महबूब-ए-इलाही

    सजा है तेरी मिदहत के गुलों से

    मिरा दीवान महबूब-ए-इलाही

    तिरी सीरत में जो कज ढूँडते हैं

    वो हैं नादान महबूब-ए-इलाही

    तुम्हारी जुम्बिश-ए-लब खोलती है

    दर-ए-इम्कान-ए-महबूब-ए-इलाही

    मह-ए-बुर्ज-ए-’अता-ओ-जूद ठहरा

    तिरा दरबान महबूब-ए-इलाही

    मिसाली हो अमीरान-ए-सुख़न में

    मिरी पहचान महबूब-ए-इलाही

    चले आओ कि दिल की आरज़ू का

    थमे तूफ़ान महबूब-ए-इलाही

    हरीम-ए-क़ुर्ब में ठहराया जिस को

    हुआ ज़ीशान महबूब-ए-इलाही

    नवाज़े नूर को हर लम्हा हर पल

    तिरा फ़ैज़ान महबूब-ए-इलाही

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