क़ुदरत ने आज अपने जल्वे दिखा दिए हैं
रोचक तथ्य
نعت در زمین مولانا احمد رضا خاں بریلوی
क़ुदरत ने आज अपने जल्वे दिखा दिए हैं
आमद पे मुस्तफ़ा की पर्दे उठा दिए हैं
ये कौन आ रहा है ये आज कौन आया
सोए हुए मुक़द्दर किस ने जगा दिए हैं
जब उन का नाम ले कर मज़लूम कोई रोया
ज़ंजीर तोड़ दी है क़ैदी छुड़ा दिए हैं
बेकस-नवाज़ उन सा पैदा हुआ न होगा
बिछड़े मिला दिए हैं उजड़े बसा दिए हैं
बहर-ए-करम में उन के उठी जो मौज-ए-रहमत
मरते बचा लिए हैं गिरते उठा दिए हैं
शाहों के दर पे जाना तौहीन थी हमारी
उन की गली में हम ने बिस्तर लगा दिए हैं
सीने में हूँ सजाए यादों की एक महफ़िल
उन की लगन ने दिल में मेले लगा दिए हैं
वो जानें ऐ 'नसीर' अब या जाने उन का ख़ालिक़
हम ने तो दिल के दुखड़े उन को सुना दिए हैं
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