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जल्वा-ए-शाह-ए-अ’रब है जल्वा-ए-बाबा फ़रीद

शहबाज़ असदक़

जल्वा-ए-शाह-ए-अ’रब है जल्वा-ए-बाबा फ़रीद

शहबाज़ असदक़

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    रोचक तथ्य

    منقبت درشان گنج شکر حضرت فریدالدین مسعود (پاک پتن۔پنجاب)

    जल्वा-ए-शाह-ए-अ’रब है जल्वा-ए-बाबा फ़रीद

    इस लिए रश्क-ए-क़मर है चेहरा-ए-बाबा फ़रीद

    हक़-नुमा हक़-गो हक़ीक़त-आश्ना हक़ की बहार

    सूरा-ए-इक़रा से रौशन ख़ामा-ए-बाबा फ़रीद

    हैं वहीद-ए-अ’स्र शहबाज़-ए-तरीक़त ज़ी-वक़ार

    अ'र्श ता-फ़र्श ज़मीं है शहरा-ए-बाबा फ़रीद

    क़ुतुब-ए-आ’लम शैख़-ए-आ’ज़म हैं इमाम-उल-आ’रिफ़ीन

    मा'रिफ़त का है ख़ज़ीना सीना-ए-बाबा फ़रीद

    ताज पकड़े औलिया देखा किए रुत्बा हुज़ूर

    किस क़दर आ'ला है बे-शक दर्जा-ए-बाबा फ़रीद

    शैख़ कहते हैं कि शैख़ अ’स्र है मेरा फ़रीद

    है लब क़ुतुब-ए-ज़मन पर ख़ुत्बा-ए-बाबा फ़रीद

    आफ़ताब-ए-दीन-ओ-सुन्नत हैं इमाम-उल-आ’शिक़ीन

    इ'श्क़ सरकार-ए-मदीना नग़मा-ए-बाबा फ़रीद

    भर दिया करता है झोली आप का कोई फ़क़ीर

    ताजदार-ओ-ताजवर है बंदा-ए-बाबा फ़रीद

    है फ़रीदी आस्ताना मुश्कबार-ओ-नूर-नूर

    कूचा-ए-जन्नत है गोया कूचा-ए-बाबा फ़रीद

    है तजल्लियात रब्बानी मुसलसल बर मज़ार

    मम्ब-ए’-अनवार-ए-हक़ है रौज़ा-ए-बाबा फ़रीद

    रह-ए-फ़रीद है बे-शक सिरात-ए-मुस्तक़ीम

    राह-ए-हक़ राह-ए-हिदायत जादा-ए-बाबा फ़रीद

    ज़िंदगी थी बंदगी के वास्ते कामिल निसाब

    है इ'बादत से इ'बारत क़िस्सा-ए-बाबा फ़रीद

    क़ुतुब-ए-देहली के हैं प्यारे हज़रत-ए-बाबा फ़रीद

    है अ’ता-ए-पीर-ओ-मुर्शिद सेग़ा-ए-बाबा फ़रीद

    है मसर्रत शादमानी ख़ूब है फ़स्ल बहार

    नौशा-ए-बज़्म तरब है जल्वा-ए-बाबा फ़रीद

    हज़रत ख़्वाजा पिया और आए हैं पीरान-ए-चिश्त

    जल्वा-गाह-ए-औलिया है ख़ाना-ए-बाबा फ़रीद

    क़ुतुब-ए-दौराँ ले के आए हैं क़बा-ए-बे-मिसाल

    नूर बरसाता हवा है जोड़ा-ए-बाबा फ़रीद

    सर पे है नूरी अ'मामा ज़ात-ए-अक़्दस मुश्क-बार

    बाग़-ए-जन्नत से है आया सेहरा-ए-बाबा फ़रीद

    हज़रत साबिर पिया और हज़रत-ख़्वाजा निज़ाम

    रक़्स में पढ़ते हैं मिल कर सेहरा-ए-बाबा फ़रीद

    मोहिनी सूरत जो देखी दिल हुआ शाद शाद

    दिल है दीवाना मेरा बर-ग़म्ज़ा-ए-बाबा फ़रीद

    साबिर-ए-कलियर के लब पर है यही जुमला मुदाम

    आसमान से भी है आ'ला रुतबा-ए-बाबा फ़रीद

    की है चालीस साल तक रब की इ'बादत बे-नज़ीर

    हैं जहाँ में मिस्ल-ए-अख़तर सज्दा-ए-बाबा फ़रीद

    हो शकर दम में नमक और हो नमक दम में शकर

    उठ गई जिस वक़्त यारो चश्मा-ए-बाबा फ़रीद

    ग़ैब से आए शकर ज़ेर-ए-मुसल्ला-ए-हुज़ूर

    इस लिए गंज-ए-शकर है तमग़ा-ए-बाबा फ़रीद

    है निशान-ए-हक़ अजोधन की मुक़द्दस सर-ज़मीन

    क़िब्ला-गाह-ए-आ’शिक़ाँ है क़रिया-ए-बाबा फ़रीद

    दाफि’-ए-रंज-ओ-बला मुश्किल-कुशा नाम-ए-फ़रीद

    आओ मिल कर हम लगाएँ ना’रा-ए-बाबा फ़रीद

    काम आएगा यक़ीनन हश्र में नाम-ए-फ़रीद

    ज़रिया-ए-बख़्शिश है बे-शक शजरा-ए-बाबा फ़रीद

    है फ़रीदी मेरी निस्बत हूँ ग़ुलाम इब्न-ए-ग़ुलाम

    है गिले 'शहबाज़' के भी डोरा-ए-बाबा फ़रीद

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