चश्म-ए-करम ख़ुदा-रा मख़दूम शाह-ए-मीना
रोचक तथ्य
منقبت درشان حضرت مخدوم شاہ مینا (لکھنو۔ہندوستان)
चश्म-ए-करम ख़ुदा-रा मख़दूम शाह-ए-मीना
गिर्दाब-ए-मासियत में कुश्ती फँसी हुई है
बंदा हूँ मैं तुम्हारा मख़दूम शाह-ए-मीना
मिलता नहीं किनारा मख़दूम शाह-ए-मीना
महर मुनीर तुम हो रौशन ज़मीर तुम हो
का'बा है आ'शिक़ों का क़िब्ला है वासिलों का
ईमान है हमारा मख़दूम शाह-ए-मीना
ये संग-ए-दर तुम्हारा मख़दूम शाह-ए-मीना
रूहानियत तुम्हारी बे-शक मदद को आई
सा'द और सफ़ी का सदक़ा सारंग वली का सदक़ा
जब भी तुम्हें पुकारा मख़दूम शाह-ए-मीना
बनो अज़ ईं गदा-रा मख़दूम शाह-ए-मीना
आक़ा 'सईद' का है मौला 'सईद' का
सा'द और सफ़ी का प्यारा मख़दूम शाह-ए-मीना
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