'अता ख़सलत करम-गुस्तर मु'ईनुद्दीन अजमेरी
रोचक तथ्य
منقبت در شان غریب نواز خواجہ معین الدین چشتی (اجمیر-راجستھان)
'अता ख़सलत करम-गुस्तर मु'ईनुद्दीन अजमेरी
शहंशाह-ए-गदा-परवर मु'ईनुद्दीन अजमेरी
सर-ए-तस्लीम के अफ़सर मु'ईनुद्दीन अजमेरी
रह-ए-तौहीद के रहबर मु'ईनुद्दीन अजमेरी
ख़ुदी खो कर ख़ुदा से मिल गया आख़िर ख़ुदाई में
वो कौन औलाद-ए-पैग़म्बर मु'ईनुद्दीन अजमेरी
सर-ए-महशर मुरीदों को ज़रा उस में छुपा लेना
कि रहमत है तिरी चादर मुई'नुद्दीन अजमेरी
मय-ए-तौहीद का हर घूँट में उस ने मज़ा पाया
पिया जिस ने तिरा लंगर मुई'नुद्दीन अजमेरी
जिसे मिलता है जो कुछ फ़ैज़-ए-हज़रत ही से मिलता है
जहाँ में है जहाँ परवर मुई'नुद्दीन अजमेरी
जिसे चाहा उसी का कामिलों में नाम लिख डाला
विलायत है तिरा दफ़्तर मुई'नुद्दीन अजमेरी
ज़मीं वाले तुझे मानें फ़लक वाले तुझे जानें
ये तेरी धूम है घर-घर मुई'नुद्दीन अजमेर
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