दर पर बुलाना अजमेर वाले
रोचक तथ्य
منقبت در شان غریب نواز خواجہ معین الدین چشتی (اجمیر-راجستھان)
दर पर बुलाना अजमेर वाले
रौज़ा दिखाना अजमेर वाले
रखना मुझे भी तुम याद ख़्वाजा
भूल अब न जाना अजमेर वाले
जुज़ आस्तान-ए-वाला नहीं है
अपना ठिकाना अजमेर वाले
दरगाह में उस रूह-ए-रवाँ का
हो आशियाना अजमेर वाले
मर कर भी हम से छूटेगा क्यूँ कर
ये आस्ताना अजमेर वाले
ग़म की चढ़ाई होने लगी है
जल्दी से आना अजमेर वाले
हैं सब के ख़्वाजा सब के वाली
सब से यगाना अजमेर वाले
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