मुस्तफ़ा मुजतबा की आमद है
रोचक तथ्य
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मुस्तफ़ा मुजतबा की आमद है
या'नी नूर-ए-ख़ुदा की आमद है
वो एक रात चराग़ाँ हुआ ज़माने में
हवा भी हो गई शामिल दिए जलाने में
मुस्तफ़ा मुजतबा की आमद है
मुबारक हो रहमतुल-लिल'आलमीं तशरीफ़ ले आए
मुबारक हो महम्मद मुस्तफ़ा तशरीफ़ ले आए
मुस्तफ़ा मुजतबा की आमद है
तक़लीद हलीमा की जाली रहमत के बादल छाते हैं
जगमग जगमग होता है तशरीफ़ मोहम्मद लाते हैं
मुस्तफ़ा मुजतबा की आमद है
आज ख़ुशियाँ सभी मनाते हैं
या'नी अहमद-ए-मुजतबा की आमद है
रहमतें बाँटते वो आते हैं
मेहर-ए-जूद-ओ-’अता की आमद है
या'नी नूर-ए-ख़ुदा की आमद है
ख़ैर-उल-वरा की आमद है
सारे नबियों में लाडले रब के वो
या'नी अहमद-ए-मुजतबा की आमद है
ख़ाक पाए कि क्या क्या चिश्ती
ऐसे बदरुद्दुजा की आमद है
आज हल होगी मुश्किलें सब की
सब के मुश्किल-कुशा की आमद है
आज तुम भी ख़ुशी से झूमो 'वफ़ा'
मर्हबा मुस्तफ़ा की आमद है
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