सरकार ग़ौस-ए-आ'ज़म नज़र-ए-करम ख़ुदा-रा
रोचक तथ्य
منقبت در شان غوث پاک شیخ عبدالقادر جیلانی (بغداد-عراق)
सरकार ग़ौस-ए-आ'ज़म नज़र-ए-करम ख़ुदा-रा
मेरा ख़ाली कासा भर दो है सखी तेरा द्वारा
हसनैन का तसद्दुक़ मौला 'अली का सदक़ा
मेरा ख़ाली कासा भर दे है सखी तेरा द्वारा
हसनैन का तसद्दुक़ मौला 'अली का सदक़ा
मेरी लाज रख लो मीराँ मैं फ़क़ीर हूँ तुम्हारा
ऐ वारिस-ए-दो-'आलम तेरे दर पे आ पड़ा हूँ
अच्छा हूँ या बुरा हूँ जैसा भी हूँ तुम्हारा
सब का कोई न कोई दुनिया में आसरा है
मेरा ब-जुज़ तुम्हारे कोई नहीं सहारा
पड़ा देर से हूँ दर पर मुझे भीक दो ख़ुदा-रा
मेरी लाज है तुम्ही तो कि फ़क़ीर हूँ तुम्हारा
तेरे दर पे पल रहे हैं कई शाह और गदा भी
चे 'अजब अगर नवाज़ी ज़ निगाह-ए-ईं गदा रा
तेरे दर से माँगता हूँ मेहर 'अली का सदक़ा
ये जो लाडला है तेरा तेरे जिगर का तारा
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