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मना' कर्दन-ए-ख़रगोश राज़ रा अज़ इशान

रूमी

मना' कर्दन-ए-ख़रगोश राज़ रा अज़ इशान

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    रोचक तथ्य

    हिंदी अनुवाद: सज्जाद हुसैन

    मना' कर्दन-ए-ख़रगोश राज़ रा अज़ इशान

    ख़रगोश का शिकारों से राज़ को पोशीदा रखना

    गुफ़्त हर राज़े न-शायद बाज़ गुफ़्त

    जुफ़्त ताक़ आयद गहे गह ताक़ जुफ़्त

    उसने कहा हर राज़ कहने के लायक़ नहीं होता

    कभी जुफ़्त ताक़ आता है , कभी ताक़ जुफ़्त आता है

    अज़ सफ़ा गर दम ज़ने बा-आईनः

    तीरः गर्दद ज़ूद बा मा आईनः

    अगर तू आईना पर फूंक मारे तो सफ़ाई की वजह से

    वो बहुत जल्द हमारे लिए अंधा हो जाएगा

    दर बयान-ए-ईं सेह कम जुम्बाँ लबत

    अज़ ज़हाब-ओ-अज़ ज़हब वज़ मज़हबत

    इन तीन चीज़ों के बयान में लब-कुशाई ना कर

    सफ़र और सोना और अपनी मंज़िल-ए-मक़्सूद के बारे में

    कीं सेह रा ख़स्मस्त बिस्यार-ओ-'अदू

    दर कमीनत ईस्तद चूँ दानद

    इस लिए कि इन तीनों के मुख़ालिफ़ और दुश्मन बहुत हैं

    तेरी घात में रहेगा जब वो जान जाएगा

    वर ब-गोए बा-यके दो अलविदा'

    कुल्लु-सिर्रिन-जावज़-अल-इस्नैन शा'

    अगर तुमने एक से कह दिया तो अल-विदा कह दो

    हर राज़ जो दो (लब) से गुज़रा, मशहूर हुआ

    गर दो सेह पर्रंदः रा बंदी बहम

    बर ज़मीं मानिंद महबूस अज़ अलम

    अगर तो दो तीन परिंदों को इस में बाँध दे

    तकलीफ़ की वजह से ज़मीन पर मुक़य्यद रहेंगे

    मश्वरत दारंद सर पोशीदः ख़ूब

    दर किनायत बा-ग़लत अफ़्गन मशूब

    छिपे हुए राज़ का मश्वरा बेहतर समझते हैं

    कनाए जो ग़लती में मुबतला करने वाली बात से मख़लूत हो

    मश्वरत कर्दे पयम्बर बस्तः सर

    गुफ़्त: ईशानश जवाब-ओ-बे-ख़बर

    पयम्बर (अलैहिस्सलाम) सर बस्ता मश्वरा करते

    और वो उनको बे-ख़बरी में जवाब दे देते

    दर मिसाले बस्तः गुफ़्ते राए रा

    ता न-दानद ख़स्म अज़ सर पाए रा

    राय को किसी मिसाल से वाबस्ता कर के फ़रमा देते

    ताकि मुख़ालिफ़ सर , पैर ना समझ सके

    जवाब-ए-ख़्वेश ब-गिरफ़्ते अज़ू

    वज़ सवालश मी न-बुर्दे ग़ैर बू

    वो इस से अपना जवाब निकाल लेते

    उनके सवाल की ग़ैर को बू भी ना लगती

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