Sufinama

तल्बीस-ए-वज़ीर बा-नसारा

रूमी

तल्बीस-ए-वज़ीर बा-नसारा

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    तल्बीस-ए-वज़ीर बा-नसारा

    वज़ीर का ’ईसाइयों को धोका और उसका मक्र

    पस ब-गोयम मन ब-सिर्र नस्रानियम

    ख़ुदा-ए-राज़दाँ मी दानियम

    फिर मैं कहूँगा, मैं पोशीदा तौर पर ‘ईसाई हूँ

    राज़-दाँ ख़ुदा तू मुझे जानता है

    शाह वाक़िफ़ गश्त अज़ ईमान-ए-मन

    वज़ त'अस्सुब कर्द क़स्द-ए-जान-ए-मन

    बादशाह मेरे ईमान से वाक़िफ़ हो गया

    (और) उसने त’अस्सुब की वजह से मेरी जान लेने का तहय्या कर लिया

    ख़्वास्तम ता दीं ज़-शह पिन्हाँ कुनम

    आँ-कि दीन-ए-ऊस्त ज़ाहिर आँ कुनम

    मैंने चाहा कि बादशाह से अपना दीन छुपाऊँ

    और जो उसका मज़हब है वही अपना मज़हब ज़ाहिर करूँ

    शाह बू-ए-बुर्द अज़ असरार-ए-मन

    मुत्तहिम शुद पेश-ए-शह गुफ़्तार-ए-मन

    बादशाह ने मेरे राज़ों की बू पा ली

    (और) मेरी बात बादशाह के सामने झूटी हो गई

    गुफ़्त गुफ़्त-ए-तू चु दर नाँ सोज़नस्त

    अज़ दिल-ए-मन ता दिल-ए-तू रोज़नस्त

    उसने कहा, तेरी गुफ़्तुगू रोटी में सूई की तरह है

    (और) मेरे दिल से तेरे दिल तक सुराख़ है

    मन अज़ आँ रौज़न ब-दीदम हाल-ए-तू

    हाल-ए-तू दीदम नयूशम क़ाल-ए-तू

    मैंने उस सुराख़ से तेरा हाल देख लिया है

    (जब) मैंने हाल देख लिया तो तेरी बात क्यूँ सुनूँ?

    गर न-बूदे जान-ए-'ईसा चारःअम

    जहूदानः ब-कर्दे पारःअम

    अगर हज़रत-ए-’ईसा की रूह मेरी मदद-गार होती

    तो वो यहूदियों की तरह मेरे टुकड़े-टुकड़े कर देता

    बहर-ए-'ईसा जाँ सिपारम सर-देहम

    सद हज़ाराँ मन्नतश बर ख़ुद नहम

    हज़रत-ए-’ईसा के लिए मैं जान और सर दूँ

    उनके लाखों एहसान, जान पर समझूँ

    जाँ दरेग़म नीस्त अज़ 'ईसा व-लेक

    वाक़िफ़म बर 'इल्म-ए-दीनश नेक नेक

    हज़रत-ए-’ईसा के लिए जान देने में मुझे तअम्मुल नहीं है लेकिन

    मैं उनके दीन से ख़ूब-ख़ूब वाक़िफ़ हूँ

    हैफ़ मी आमद मरा कि-आँ दीन-ए-पाक

    दरमियान-ए-जाहिलाँ गर्दद हलाक

    मुझे उस पर अफ़्सोस आता है कि ये पाक दीन

    जाहिलों में पहुँच कर तबाह-ओ-बर्बाद हो

    शुक्र-ए-ईज़द रा-ओ-'ईसा रा कि-मा

    गश्त: ऐम आँ कैश-ए-हक़ रा रहनुमा

    अल्लाह, और ‘ईसा का शुक्र है कि हम

    इस सच्चे दीन के राह-नुमा बन गए हैं

    अज़ जहूद-ओ-अज़ जहूदे रस्तः-अम

    ता ब-ज़ुन्नारी मयाँ रा बस्तः-अम

    यहूदियत, और यहूदियों से हम छूट गए हैं

    जब से कि हमने ज़ुन्नार से अपनी कमर कस ली है

    दूर दूर-ए-'ईसा अस्त मर्दुमाँ

    ब-शुनवीद अस्रार-ए-कैश-ए-ऊ ब-जाँ

    लोगो! ये ’अह्द तो हज़रत-ए-’ईसा का ’अह्द है

    उनके मज़हब के असरार दिल-ओ-जान से सुनो

    कर्द बा वै शाह आँ कारे कि गुफ़्त

    ख़ल्क़ अंदर कार-ए-ऊ मांदः शगुफ़्त

    बादशाह ने उसके साथ वही काम किया जो उसने कहा

    (और) उस छुपे हुए भेद से लोग बे-ख़बर रहे

    राँद रा जानिब-ए-नस्रानियाँ

    कर्द दर दा'वत शुरूअ' बा'द अज़ाँ

    उसको ’ईसाइयों की जानिब भगा दिया

    उसके बा’द उसने तब्लीग़ का काम शुरू’ कर दिया

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