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ज़ याफ़्त-ए-तावील-ए-रकीक-ए-मगस

रूमी

ज़ याफ़्त-ए-तावील-ए-रकीक-ए-मगस

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    रोचक तथ्य

    हिंदी अनुवाद: सज्जाद हुसैन

    ज़ याफ़्त-ए-तावील-ए-रकीक-ए-मगस

    मक्खी की रकीक तावील का बोदा पन

    आँ मगस बर बर्ग-ए-काह-ओ-बौल-ए-ख़र

    हम-चू कश्ती-बाँ हमी अफ़्राश्त सर

    वो मक्खी घास के तिनके और गधे के पेशाब पर

    मल्लाह की तरह शेख़ी बघारती थी

    गुफ़्त मन दरिया-ओ-कश्ती ख़्वाँदः-अम

    मुद्दते दर फ़िक्र-ए-आँ मी माँदः-अम

    बोली मैंने दरिया की कश्ती के बारे में पढ़ा है

    एक मुद्दत तक मैं उसकी फ़िक्र में रही हूँ

    ईं-कि ईं दरिया-ओ-ईं कश्ती-ओ-मन

    मर्द-ए-कश्ती-बान-ओ-अहल-ओ-रा.ए-ज़न

    तय दरिया और ये कश्ती है और मैं हूँ

    कश्ती बान और साहब-ए-तदबीर-ओ-फ़न हूँ

    बर सर-ए-दरिया हमी राँद 'अमद

    मी नुमूदश आँ क़दर बैरूँ ज़ हद

    दरिया पर दो चप्पू चला रही थी

    और वो उस को ला-महदूद आता था

    बूद बे-हद आँ चुनीं निस्बत बदो

    आँ नज़र कि बीनद आँ रा रास्त कू

    इस के एतबार से वो पेशाब ला-महदूद था

    उस की वो निगाह कहाँ थी कि उसको सही तौर पर देखती

    'आलमश चंदाँ बुवद किश बीनश अस्त

    चश्म-ए-चन्दीं बहर-ए-हम चंदीनश अस्त

    उस का आलिम भी इतना ही है जिस क़दर उसकी निगाह है

    जातनी उस की आँख है, उतना ही उस दरिया है

    साहब-ए-तावील-ए-बातिल चूँ मगस

    वहम-ए-ऊ बौल-ए-ख़र-ओ-तस्वीर-ए-ख़स

    बातिल तावील करनेवाला, मक्खी की तरह है

    उस का ख़्याल, गधे का पेशाब और तिनके की सूरत है

    गर मगस तावील ब-ग़ुज़ारद ब-राय

    आँ मगस रा बख़्त गर्दानद हुमाए

    अगर मक्खी राय की वजह से तावील करना छोड़ दे

    तो नसीबा उस मक्खी को हुमा बना दे

    आँ मगस न-बुवद किश ईं 'इबरत बुवद

    रूह-ए-ऊ ने दर ख़ुर-ए-सूरत बुवद

    वो मक्खी नहीं है जिसमें ये ग़ैरत हो (कि बातिल तावील ना करे)

    उस की रिदह उस की सूरत के मुवाफ़िक़ नहीं होती है

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