Sufinama

पद

पद अशआर की एक सिन्फ़ है। पदों में इस तरह की कोई क़ैद नहीं होती। ये उन से आज़ाद होते हैं इसलिए क़दीम शाइरों ने पदों के उन्वान पर रागों के ही नाम दिए हैं। पदों की रिवायत हिन्दी अदब में कबीर से शुरू हुई ।

1548 -1599

एकनाथ मराठी के एक मशहूर सन्त, आ’लिम और मज़हबी शाइ’र थे, उन्हें उनके अभंग की वजह से शोहरत हासिल है जो आज भी भारत के मराठी बोलने वाले अफ़राद गाते हैं

1440 -1518

पंद्रहवीं सदी के एक सूफ़ी शाइ’र और संत जिन्हें भगत कबीर के नाम से भी जाना जाता है, कबीर अपने दोहे की वजह से काफ़ी मशहूर हैं, उन्हें भक्ति तहरीक का सबसे बड़ा शाइ’र होने का ए’ज़ाज़ हासिल है

1498 -1557

हिन्दू धर्म के भगवान कृष्ण की भक्ति शाखा की मक़बूल शाइ’रा थीं

1450 -1520

कबीर के हम-अ’स्र और संत रामानंद जी के शागिर्द हैं

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