Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama

’आशिक़-ए-बे-ख़बर मनम मन न-मनम न-मन मनम

शाह नियाज़ अहमद बरेलवी

’आशिक़-ए-बे-ख़बर मनम मन न-मनम न-मन मनम

शाह नियाज़ अहमद बरेलवी

MORE BYशाह नियाज़ अहमद बरेलवी

    ’आशिक़-ए-बे-ख़बर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    ’आरिफ़-ए-बा-हुनर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं बे-ख़बर ’आशिक़ हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    मैं हुनर-मंद रहस्यवादी हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    सोज़-ए-दिल-ओ-जिगर मनम वह्शत-ए-पर्द: दर मनम

    दानिश-ए-बख़्य:-गर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं दिल-ओ-जिगर की जलन हूँ, मैं पर्दा फाड़ने वाले की वहशत हूँ

    मैं बख़िए सीने वाली ’अक़्ल हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    अम्न मनम ख़तर मनम ज़हर मनम शकर मनम

    नफ़्अ’ मनम ज़रर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं शान्ति हूँ, मैं भय हूँ, मैं ज़हर हूँ, मैं मिठास हूँ

    मैं लाभ हूँ, मैं हानि हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    शाम मनम सहर मनम शम्स मनम क़मर मनम

    दर हम: जल्वः-गर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं शाम हूँ, मैं सहर हूँ, मैं सूरज हूँ, मैं चाँद हूँ

    मैं सभी में जल्वा-गर हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    शाहिद-ए-दिल-रुबा मनम मुतरिब-ए-ख़ुश-नवा मनम

    सम्अ मनम बसर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं दिल-रुबा महबूब हूँ, मैं ख़ुश-आवाज़ गवय्या

    मैं सुनना हूँ, मैं देखना हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    हुस्न-ओ-जमाल-ए-हक़ मनम इज़्ज़-ओ-जलाल-ए-हक़ मनम

    हश्मत-ओ-जाह-ओ-फ़र मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं हक़ का हुस्न-ओ-जमाल हूँ, मैं हक़ की ’इज़्ज़त-ओ-‘अज़्मत हूँ

    मैं हश्मत-ओ-शौकत-ओ-सतवत हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मै मैं हूँ

    तूती-ए-सद-ज़बाँ मनम बुल्बुल-ए-नग़्मः-ख़्वाँ मनम

    रौज़ः मनम शजर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं सैकड़ों ज़बानों वाला तूता हूँ, मैं नग़्मे गाने वाला बुलबुल हूँ

    मैं कियारी हूँ, मैं दरख़्त हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    आदम-ओ-शीस-ओ-नूह-ओ-हूद ग़ैर-ए-हक़ीक़तम न-बूद

    साहिब-ए-हर-अस्र मनम मन न-मनम न-मन मनम

    आदम और शीस-ओ-नूह और हूद मेरी हक़ीक़त के सिवा थे

    मैं हर ज़माने वाला हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    मूसा-ए-जल्वः-बीं मनम क़ुल्लः-ए-फ़िलिस्तीं मनम

    नूर मनम शरर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    जल्वा देखने वाला मूसा मैं हूँ, फ़लस्तीन के पहाड़ की चोटी हूँ

    मैं नूर हूँ, मैं चिंगारी हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मै मैं हूँ

    ’ईसा-ए-मरयमी मनम अहमद-ए-हाशिमी मनम

    हैदर-ए-शेर-ए-नर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    ई’सा का मर्यम मैं हूँ, हाश्मी अहमद मैं हूँ

    मैं हैदर और शेर-ए-नर हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    सूफ़ी-ए-बा-सफ़ा मनम बे-ख़ुद-ओ-बा-ख़ुदा मनम

    अहल-ए-दिल-ओ-नज़र मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं उज्जवल हृदय वाला सूफ़ी हूँ, मैं स्वयं से अपरिचित और ईश्वर से परिचित हूँ

    मैं दिल और दृष्टि वाला हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    राज़-ओ-नियाज़-ए-ख़ुद मनम सोज़-ओ-गुदाज़-ए-ख़ुद मनम

    कर्द: क़दम ज़-सर मनम मन न-मनम न-मन मनम

    मैं अपना भेद और अपनी प्रार्थना हूँ, मैं अपना दुःख और पीड़ा हूँ

    मैं सर के बल चल रहा हूँ, मैं मैं नहीं हूँ, मैं मैं हूँ

    स्रोत :
    • पुस्तक : दीवान-ए-नियाज़-ए-बे-नियाज़ (पृष्ठ 84)
    • संस्करण : First

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

    Get Tickets
    बोलिए