रश्क-ए-हूर-ओ-मलकी हस्रत-ए-महर-ओ-माही
रश्क-ए-हूर-ओ-मलकी हस्रत-ए-महर-ओ-माही
रौनक़-ए-यसरबी व ज़ीनत-ए-बैतुल्लाही
जल्व:-ए-नूर-ए-क़दम बाइ'स-ए-ख़ल्क़-ए-आदम
सरवर-ए-आ'लमी व सय्यद-ए-आ'ली-जाही
ज़िक्र-ए-महबूबियत अज़ मलक बूद ता मलकूत
फ़िक्र-ए-मतलूबियत अज़ माह बूद ता माही
आरिफाँ रा बूद अज़ ज़ात-ए-तू वहदत मक़्सूद
नीस्त गैर-ए-तू ख़ुदा दानी व हक़ आगाही
ग़ैर-ए-इमदाद-ए-तू-अम तय-ए-मराहिल मुश्किल
वक़्त आँ अस्त कि लुत्फ़-ए-तू कुनद हम-राही
ज़ात-ए-वाला-ए-तू वल्लाह दर ईं मुल्क-ए-वजूद
महज़ फ़ज़्ल अस्त व तमामे करम-ए-'अल्लाही'
- पुस्तक : नग़्मात-ए-सिमा (पृष्ठ 408)
- प्रकाशन : नूरुलहसन मौदूदी साबरी (1935)
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