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यार-ए-बे-मेहर-ओ-बे-वफ़ा ईनस्त

सलामतुल्लाह कशफ़ी

यार-ए-बे-मेहर-ओ-बे-वफ़ा ईनस्त

सलामतुल्लाह कशफ़ी

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    यार-ए-बे-मेहर-ओ-बे-वफ़ा ईनस्त

    आँ-कि दिल बुर्द दिलरुबा ईनस्त

    न-रसद नालः ता-लब-ए-बामश

    असर-ए-बख़्त-ए-ना-रसा ईनस्त

    चश्म-ए-मख़मूर-ए-आँ-परी-पैकर

    नर्गिस-ए-मस्त-ओ-फ़ित्नः-ज़ा ईनस्त

    क़ामत-ओ-चश्म-ओ-ज़ुल्फ़-ए-यारम नीस्त

    आफ़त-ओ-फ़ित्नः-ओ-बला ईनस्त

    जान-ए-मन हम-नशीन-ए-ग़ैर म-बाश

    ग़रज़ ईनस्त-ओ-मुद्दआ' ईनस्त

    नाज़ मी-बारद अज़ सरापायश

    ब-निगरेदश कि यार-ए-मा ईनस्त

    चूँ मरा दीद गुफ़्त अज़ सर-ए-नाज़

    रिंद-ए-बे-बर्ग-ओ-बे-नवा ईनस्त

    ताब-ओ-ताक़त न-मांद दर दिल-ए-ज़ार

    तौब: अज़ इ'श्क़ अगर जफ़ा ईनस्त

    अश्कबारीस्त अज़ तपीदन-ए-दिल

    बहर-ए-ईं-कारवाँ दर ईनस्त

    अश्क़म अज़ चश्म-ए-दिल रवान: कुनद

    कश्ती ईनस्त ना-ख़ुदा ईनस्त

    दिल-ए-मन ख़ूँ शुद-ओ-ज़े दीद: ब-रेख़्त

    ब-निगर अज़ चश्म-ए-माजरा ईनस्त

    गह पुर्सद कि कीस्ती 'कशफ़ी'

    हाल-ए-आँ-यार-ए-आश्ना ईनस्त

    स्रोत :
    • पुस्तक : दीवान-ए-कशफ़ी (पृष्ठ 68)
    • रचनाकार : कशफ़ी
    • प्रकाशन : मत्बा शो'ला-ए-तूर, कानपुर (1861)

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