तु सुल्तान-ए-साहिब सरीर आमदी
'अला-कुल्ले-शैइन क़दीर आमदी
आप साहब-ए-तख़्त सुलतान बनकर तशरीफ़ लाए हैं,
आप हर चीज़ पर दस्त-ए-कुदरत लिए तशरीफ़ लाए हैं।
ब-ख़ूबी-ए-चूँ गुल नज़ीर आमदी
बहर सूरते दिल-पज़ीर आमदी
आप बे-मिसाल फूल की खूबियों से हम किनार आए,
आप हर सूरत दिलों में उतरने वाले हैं।
'अला नाम कर्दी ब-मुल्क-ए-'अरब
ब-सू-ए-ग़रीबाँ अमीर आमदी
आपने मुल्क-ए-अरब को बलंद मरतबा दिया,
आप गरीबों के लिए अमीर बनकर आए हैं।
फ़लम्मा तजल्ला ’अलल-काइनात
'अलीमुन समी’उन बसीर आमदी
जब कायनात पर आपकी तजल्ली नुमदार हुई,
आप जानने वाले, सुनने वाले और देखने-भालने वाले बनकर आए हैं।
ब-हर रंग शुद क़ुदरतत आशकार
ब-शान-ए-बशीरन नज़ीर आमदी
आपकी क़ुदरत हर रंग में जाहिर हुई,
आप ख़ुशख़बरी देने वाले और डराने वाले बनकर आए हैं।
अला अंता इन्नी अनल्लाह 'जामी'
समी’उन ’अलीमुन बसीर आमदी
जामी! अल्लाह के अलावा मेरा कोई नहीं है,
आप सुनने वाले, ज्ञान रखने वाले, देखने वाले बनकर आए हैं।
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