क़िस्से
यहां सूफ़ियों के बेहतरीन क़िस्से जमा किए गए हैं।
1253 -1325
ख़्वाजा निज़ामुद्दीन औलिया के चहेते मुरीद और फ़ारसी-ओ-उर्दू के पसंदीदा सूफ़ी शाइ’र, माहिर-ए-मौसीक़ी, उन्हें तूती-ए-हिंद भी कहा जाता है