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ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ ग़रीब-नवाज़

शाह अकबर दानापूरी

ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ ग़रीब-नवाज़

शाह अकबर दानापूरी

MORE BYशाह अकबर दानापूरी

    ख़्वाजा-ए-ख़्वाजगाँ ग़रीब-नवाज़

    बादशाह-ए-सरीर राज़-ओ-नियाज़

    या मुई’न-उल-ग़ियास कुन मदद

    दह रिहाई मिरा ज़े बख़्त बदम

    तू मई’नी मुई’न मा बाशी

    दस्तगीरम पए ख़ुदा बाशी

    न-रवम मन ज़े-दर गहत महरूम

    ख़ाकरूब दर तो क़ैसरो रवम

    दर गह तू उम्मीद गाह मन अस्त

    बंदगी तो उज़्व जाह मन अस्त

    क़बा-ए-रोज़ा अत दिल अर्श अस्त

    नूर चश्म मुलक दराँ फ़र्श अस्त

    आसमान तनम निसा रश् बाद

    सुरमा दर चशम मन गब्बा रश् बाद

    तोतयाए मन अस्त ख़ाक दरत

    दिल-ओ-जान मन फ़दाए अस्त

    कोह अजमेर ताज तौर अज़ तो

    बचशम कलीम नूर अज़ तो

    शुद मताफ़ मुलक अहाता-ए-नूर

    हसत जारूब कश ज़गीसोए हूर

    बहर दीदार झाल रा कौसर

    मीज़नद रोज़-ओ-शब बसा हल सर

    चशम-ए-नम हसत चूँ चह ज़मज़म

    दारोश इ'श्क़ झालरा पुरग़म

    देग तो रश्क ख़्वाँ इब्राहीम

    हमचो इनाम हक़ कुंद तक़सीम

    जाली पाक रौज़ा अत शाहा

    दिल मन बा-सबा चाक अज़ सद जा

    अबरू मरहम अज़ इनायत ना

    बंदा-ए-ख़वेश रा बशारत दह

    ज़न-ओ-फ़र्ज़ंद ख़वेश-ओ-अख़वानम

    मन अज़ आन-हा सलाम मी ख़्वानम

    अस्सलाम हबीब ख़ास ख़ुदा

    अस्सलाम वलई हर दूसरा

    अस्सलाम फ़रोग़ देन नबी

    अस्सलाम बहार बाग़ अली

    अस्सलाम नसीम बाग़ हुस्न

    अस्सलाम एमए अयाग़ हुस्न

    नूर चश्म शहीद बर तो सलाम

    बे अदील-ओ-नदीद बर तो सलाम

    जान ज़ीं उल-ईबाद बर तो सलाम

    दिल फ़िदाए तो बाद बर तो सलाम

    अस्सलाम दिलम असीर तो बाद

    मुशर्रफ़ ख़तरा अम ज़मीर तो बाद

    अस्सलाम गिरह कुशाए जहँ

    अस्सलाम रफ़ीक़ बे याराँ

    अस्सलाम दवाए दर्द दिलम

    उलफ़त तो ख़मीर आब-ओ-गुलम

    जान अकबर निसार गुम्बद तो

    मोहसिन मन फ़िदाए मरक़द तो

    स्रोत :
    • पुस्तक : जज़्बात-ए-अकबर (पृष्ठ 12)
    • रचनाकार :शाह अकबर दानापुरी
    • प्रकाशन : आगरा अख़बार प्रेस आगरा (1915)
    • संस्करण : First

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