आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "क़त्ल-ओ-ग़ारत"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "क़त्ल-ओ-ग़ारत"
सूफ़ी लेख
हकीम शाह अलीमुद्दीन बल्ख़ी फ़िरदौसी
इस ख़ानवादा में औलिया, अस्फ़िया, उलमा, ज़ुह्हाद, उब्बाद, अब्दाल, औताद, वग़ैरा सब हैं। बिहार में इस
रय्यान अबुलउलाई
ग़ज़ल
जिगर मुरादाबादी
फ़ारसी कलाम
दिल-ओ-जिगर नज़र-ओ-दीद: जान-ओ-तन हम: ऊस्तहर आंचे हस्त दरीं ख़िरक़:-ए-कोहन हम: ऊस्त
ग़ुलाम इमाम शहीद
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "क़त्ल-ओ-ग़ारत"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "क़त्ल-ओ-ग़ारत"
शे'र
बाग़-ओ-बहिश्त-ओ-हूर-ओ-जन्नत अबरारों को कीजिए इनायतहमें नहीं कुछ उस की ज़रूरत आप के हम दीवाने हैं
निसार अकबराबादी
ना'त-ओ-मनक़बत
फ़ातिह-ए-ख़ंदक़ हुनैन-ओ-बद्र-ओ-ख़ैबर हैं 'अलीइफ़्तिख़ार-ए-मस्जिद-ओ-मेहराब-ओ-मिंबर हैं 'अली
ख़ालिद नदीम बदायूँनी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ज़ुल्फ़ आशुफ़्तः-ओ-ख़ूए-कर्दः-ओ-ख़ंदँ-लब-ओ-मस्तपैरहन चाक-ओ-ग़ज़ल-ख़्वान-ओ-सुराही दर दस्त
हाफ़िज़
बैत
बद-ओ-नेक रा बज़्ल कुन सीम-ओ-ज़र
बद-ओ-नेक रा बज़्ल कुन सीम-ओ-ज़रकि ईं कस्ब-ए-ख़ैरस्त-ओ-आँ दफ़'अ-ए-शर
सादी शीराज़ी
ग़ज़ल
बाग़-ओ-बहिश्त-ओ-हूर-ओ-जन्नत अबरारों को कीजिए इनायतहमें नहीं कुछ उस की ज़रूरत आप के हम दीवाने हैं
निसार अकबराबादी
ना'त-ओ-मनक़बत
शिकवा-ओ-’इज़्ज़-ओ-शॉं तेरी मु'ईनुद्दीन अजमेरी'अयाँ है हर ज़माँ तेरी मु'ईनुद्दीन अजमेरी