परिणाम "कूफ़ा"
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ला’नत-ओ-फटकार बरसेगी ख़ुदा की देखनाकूफ़ा वालों ने जो छीनी यादगार-ए-फ़ातिमा
मिला था मस्जिद-ए-कूफ़ा में इक ग़रीब बशरजो सूखी रोटियाँ खा-खा के कर रहा है गुज़र
मैंने बुरे वक़्त की कभी शिकायत नहीं की और न परेशान होकर मुंह बिगाड़ा। हाँ, एक बार मैं भी हिम्मत हार बैठा था। मेरे पास जूते ख़रीदने के लिए पैसे नहीं थे। मैं नंगे पाँव घूमा करता। मैं बहुत दुखी था।एक दिन मैं कूफ़ा की मस्जिद में पहुँचा। वहाँ मैंने एक आदमी को देखा जिसके पैर ही नहीं थे।
एक साधारण-सा व्यक्ति हिजाज़ के क़ाफ़िले के साथ पैदल चलता हुआ कूफ़ा शहर से निकला और
इस किताब में एक जगह इर्शाद फ़रमाते हैं कि जब मोमिन नफ़्स के पंजे से छुटकारा
कूफ़ाکوفہ
city name-Kufa
ईराक़ का एक नगर।
कृष्ण जी कहते हैं कि जो लोग तुम्हें तकलीफ़ पहुंचाते हैं और तुमसे नफ़रत करते हैं
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