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कलाम
सनम के जिस्म में आ कर नफ़्स का तार कहते हैंबरहमन बन के ख़ुद गर्दन में हम ज़ुन्नार रखते हैं
आशिक़ हैदराबादी
सूफ़ी उद्धरण
इंसान में तीन चीज़ें होती हैं: नफ़्स (मन), दिल और रूह। नफ़्स की इस्लाह शरियत से, दिल की तरीक़त से और रूह की हक़ीक़त से होती है।
मियाँ मीर क़ादरी
शे'र
जिस्म का रेशा रेशा मचले दर्द-ए-मोहब्बत फ़ाश करेइ’शक में 'काविश' ख़ामोशी तो सुख़नवरी से मुश्किल है