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अम्र-ए-रब्बीस्त रूह-ओ-सर कि फ़िदास्त

शाह नियाज़ अहमद बरेलवी

अम्र-ए-रब्बीस्त रूह-ओ-सर कि फ़िदास्त

शाह नियाज़ अहमद बरेलवी

MORE BYशाह नियाज़ अहमद बरेलवी

    रोचक तथ्य

    حقیقتِ مستور

    अम्र-ए-रब्बीस्त रूह-ओ-सर कि फ़िदास्त

    ज़िक्र-ए-बे-काम-ओ-बे-ज़बाँ ऊरास्त

    हैफ़ दर बंद-ए-जिस्म दर मानी

    न-शिनवी सौत-ए-पाक-ए-रहमानी

    यार तू हर दमस्त बा तू कलीम

    हैफ़ तू न-शिनवी कलाम-ए-क़दीम

    हमः 'आलम पुर अस्त अज़ आवाज़

    लैक दर हाए गोश-ए-ख़ुद कुन बाज़

    बाज़ कर्दन हमीं बसस्त तुरा

    बंद साज़ी रह-ए-शुनीदन रा

    ब-शिनवी यक कलाम-ए-ना-मक़्तू

    अज़ हुदूस-ओ-फ़ना बुवद मरफ़ू'

    अव्वल-ओ-आख़िरश चू बे-हद शुद

    ज़ाँ सबब नाम-ए-ऊ ब-आँ हद शुद

    'आलम-ए-सौत अज़ ज़ुहूर गिरफ़्त

    अज़ हुज़ूरश बिसात-ए-नूर गिरफ़्त

    रौनक़-अफ़ज़ा-ए-अंजुमन शुद

    फ़ैज़ बख़्शा-ए-हर सुख़न शुद

    गर ब-इज़हार नयावरदे

    नाम-ए-आवाज़ दर जहाँ बुदे

    ब-शिनो आँ बाँग-ए-पुर सुरूर अज़ गोश

    कुन फ़रामोश ख़ेश रा ज़ी-होश

    ग़र्क़ शो दरमियान-ए-बहर-ए-मुहीत

    ज़ात-ए-बे-कम-ओ-कैफ़ नूर-ए-बसीत

    नूर-ए-बे-रंग हस्त वहदत-ए-ज़ात

    वीं तअ'य्युन बुवद हमः ज़ुल्मात

    दीदा हा-ए-दिलत कि ना-बीनस्त

    पेश-ए-तू नूर सर-बसर ईनस्त

    वर्नः वहदत कुजा-ओ-कसरत-ए-कू

    बू-ए-'अंबर कुजा कुजा बदबू

    तू कि हरगिज़ दीद: आँ नूर

    चे ब-दानी हक़ीक़त-ए-मस्तूर

    ता न-युफ़्तद शुआ-ए'-नूर-ए-ख़ुदा

    बर दिलत कए शवद तुरा पैदा

    कि-ईं हमः ज़ुल्मत-ओ-नूर-ए-दीगर

    कए शवद ईं-ओ-आँ ब-हम हम-सर

    ज़ात-ए-मुतलक़ मिसाल-ए-गुल बाशद

    मुब्दइ फ़ैज़-ए-जुज़-ओ-कुल बाशद

    वीं दुई-ओ-त'अय्युनस्त चू ख़ार

    मी कशद हर यके अज़ आज़ार

    गुल शवी गर नज़र ब-गुल आरी

    दामन-ए-जान-ए-कस नियाज़ारी

    वर ब-तक़'ईद-ए-ख़ार दरमानी

    ख़ुद ब-रंजी जहाँ ब-रंजानी

    तू आई हर उँचे फ़हमीदी

    गुल दीदी तू ख़ार रा दीदी

    तुई नौ ख़ास्तः गुल-ओ-गुलशन

    ख़ार दानिस्ती-ओ-शुदी गुलख़न

    अंदर आँ ख़ार-ओ-गुल तू फ़र्क़ ब-कुन

    गरचे हस्तन्द अज़ यके गुलशन

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