अम्र-ए-रब्बीस्त रूह-ओ-सर कि फ़िदास्त
ज़िक्र-ए-बे-काम-ओ-बे-ज़बाँ ऊरास्त
हैफ़ दर बंद-ए-जिस्म दर मानी
न-शिनवी सौत-ए-पाक-ए-रहमानी
यार तू हर दमस्त बा तू कलीम
हैफ़ तू न-शिनवी कलाम-ए-क़दीम
हमः 'आलम पुर अस्त अज़ आवाज़
लैक दर हाए गोश-ए-ख़ुद कुन बाज़
बाज़ कर्दन हमीं बसस्त तुरा
बंद साज़ी रह-ए-शुनीदन रा
ब-शिनवी यक कलाम-ए-ना-मक़्तू
अज़ हुदूस-ओ-फ़ना बुवद मरफ़ू'
अव्वल-ओ-आख़िरश चू बे-हद शुद
ज़ाँ सबब नाम-ए-ऊ ब-आँ हद शुद
'आलम-ए-सौत अज़ ऊ ज़ुहूर गिरफ़्त
अज़ हुज़ूरश बिसात-ए-नूर गिरफ़्त
रौनक़-अफ़ज़ा-ए-अंजुमन ऊ शुद
फ़ैज़ बख़्शा-ए-हर सुख़न ऊ शुद
गर ब-इज़हार ऊ नयावरदे
नाम-ए-आवाज़ दर जहाँ न बुदे
ब-शिनो आँ बाँग-ए-पुर सुरूर अज़ गोश
कुन फ़रामोश ख़ेश रा ज़ी-होश
ग़र्क़ शो दरमियान-ए-बहर-ए-मुहीत
ज़ात-ए-बे-कम-ओ-कैफ़ नूर-ए-बसीत
नूर-ए-बे-रंग हस्त वहदत-ए-ज़ात
वीं तअ'य्युन बुवद हमः ज़ुल्मात
दीदा हा-ए-दिलत कि ना-बीनस्त
पेश-ए-तू नूर सर-बसर ईनस्त
वर्नः वहदत कुजा-ओ-कसरत-ए-कू
बू-ए-'अंबर कुजा कुजा बदबू
तू कि हरगिज़ न दीद: ई आँ नूर
चे ब-दानी हक़ीक़त-ए-मस्तूर
ता न-युफ़्तद शुआ-ए'-नूर-ए-ख़ुदा
बर दिलत कए शवद तुरा पैदा
कि-ईं हमः ज़ुल्मत-ओ-नूर-ए-दीगर
कए शवद ईं-ओ-आँ ब-हम हम-सर
ज़ात-ए-मुतलक़ मिसाल-ए-गुल बाशद
मुब्दइ फ़ैज़-ए-जुज़-ओ-कुल बाशद
वीं दुई-ओ-त'अय्युनस्त चू ख़ार
मी कशद हर यके अज़ ऊ आज़ार
गुल शवी गर नज़र ब-गुल आरी
दामन-ए-जान-ए-कस नियाज़ारी
वर ब-तक़'ईद-ए-ख़ार दरमानी
ख़ुद ब-रंजी जहाँ ब-रंजानी
तू न आई हर उँचे फ़हमीदी
गुल न दीदी तू ख़ार रा दीदी
तुई नौ ख़ास्तः गुल-ओ-गुलशन
ख़ार दानिस्ती-ओ-शुदी गुलख़न
अंदर आँ ख़ार-ओ-गुल तू फ़र्क़ ब-कुन
गरचे हस्तन्द अज़ यके गुलशन
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