आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तिलक"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "तिलक"
सूफ़ी लेख
मीरां के जोगी या जोगिया का मर्म- शंभुसिंह मनोहर
अद्भुत रूप मोहि कहलोने जाई। सिर बहु गंग तिलक सोभे चंदा,
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
राग आधारित पद
ध्रुपद खम्माच- बंसी मुख सों लगाय ठाढ़े श्री राधा वर।
सीस मुकुट चमके मकराकृत कुंडल दमके।'फरहत' अति प्यारी घुघुरारी अलक तिलक भाल।।
फरहत
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
जन्म जन्म की वासना, ताकें देवै जारि।।माला तिलक बनाय पूर्व अरु पच्छिल दौरा।
हिंदुस्तानी पत्रिका
अन्य परिणाम "तिलक"
पद
भजमन साहेब मोहनलाल
मृगमद आछो तिलक लगायो, सौंधे भीने बाल ।।पील झगोरी दामीनी चमके, उपर वोढी शाल ।।
माधव मुनीष्वर
सूफ़ी लेख
संत साहित्य
जन्म जन्म की वासना, ताकें देवै जारि।। माला तिलक बनाय पूर्व अरु पच्छिल दौरा।
परशुराम चतुर्वेदी
सतसई
।। बिहारी सतसई ।।
जपमाला छापा तिलक सरै न एकौ कामु।मन-कांचै नाच बृथा सांचै रांचै रामु।।141।।
बिहारी
सूफ़ी लेख
खुमाणरासो का रचनाकाल और रचियता- श्री अगरचंद नाहटा
चित्रकोट चउरासी सरै, पर्वत मोटो धर उपरें। च्यारे दिस सरीखो चउसाल, बसुधा तिलक वण्यो सुविसाल।।1।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
कुंडलिया
पैहौ कीरति जगत में, पीछे घरो न पांव।
पैहौ कीरति जगत में, पीछे घरो न पांव।छत्री कुल के तिलक हे, महा समर या ठांव।।
दीनदयाल गिरि
महाकाव्य
।। रसप्रबोध ।।
स्याम लाल इनि तिलक तुव यह रंग कीन्हौं बाल।सौतिन को रँग स्याम दै रँग्यौ स्याम को लाल।।725।।
रसलीन
सूफ़ी लेख
मंझनकृत मधुमालती - श्री चंद्रबली पाँडे एम. ए.
बदन पसेव बूँद चहुँ पासा। कचपचिंयन जनु चाँद गरासा।।मृगमद तिलक ताहि पर धरा। जानहुँ चाँद राहु बस परा।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किवदंतियाँ - याज्ञिकत्रय
बंक तिलक केसर को कीने, दुति मानो बिधु बाल की।बिसरत नाहि सखी मो मन ते, चितवनि नैन बिसाल की।
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कविवर रहीम-संबंधी कतिपय किंवदंतियाँ- याज्ञिकत्रय
बंक तिलक केसर को कीने, दुति मानो बिधु बाल की। बिसरत नाहि सखी मो मन ते, चितवनि नैन बिसाल की।
माधुरी पत्रिका
मंगल
हमरा बियाह करो मोरे बाबा, तुम सों नाहिं निबाह हो ।
आवे न जाय मरै ना जीये, सो बर खोजो जाई हो ।बूढ़ न बार तरून नहिं चेलिक, वा को तिलक लगाई हो ।।