आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दाम"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "दाम"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "दाम"
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दाम-हा गुस्तर्द ईं ज़ुल्फ़-ए-परेशान-ए-शुमामुर्ग़-ए-दिल शुद सैद ऐ जानम ब-क़ुर्बान-ए-शुमा
शाह अकबर दानापूरी
ग़ज़ल
हक़ से बतला के नबी को ये कहेंगे दम-ए-हश्र'इश्क़' हम बंदा-ए-बे-दाम हैं कुन के इन के
इश्क़ हैदराबादी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ब-दाम-ए-ज़ुल्फ़-ए-तू दिल मुब्तिला-ए-ख़्वेशतन अस्तब-कुश ब-ग़म्ज़ा कि ईनश सज़ा-ए-ख़्वेशतन अस्त
हाफ़िज़
कुंडलिया
कमरी थोरे दाम की, बहुतै आवै काम।
कमरी थोरे दाम की, बहुतै आवै काम।खासा मलमल बाफता, उनकर राखै मान।।
गिरिधर कविराय
दोहा
खोटे का को कहै धनी खोटे दाम हि लाल
खोटे का को कहै धनी खोटे दाम हि लालसोई ता कौं आदरै जाके दाम 'जमाल'
जमाल
सूफ़ी कहावत
ज़ुल्फ़-ए-खूबां ज़ंजीर-ए-पा-ए-अक़्ल अस्त-ओ-दाम-ए-मुर्ग़-ए-ज़ीरक
हसीनों की ज़ुल्फ अक़्लमंद के पाँव की ज़ंजीर और होशियार पक्षियों के लिए फंदा होती है।
वाचिक परंपरा
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ब-दाम-ए-ज़ुल्फ़-ए-ऊ यक-दम अगर ज़ाहिद चु मा उफ़्तदब-रंग-ए-सुब्हः दर हर कार-ए-ऊ सद ’उक़्दः-हा उफ़्तद