आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दुख़्तर-ए-नेक-अख़्तर"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "दुख़्तर-ए-नेक-अख़्तर"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "दुख़्तर-ए-नेक-अख़्तर"
बैत
बदाँ रा नवाज़िश कुन ऐ नेक-मर्द
बदाँ रा नवाज़िश कुन ऐ नेक-मर्दकि सग पास दारद चू नान-ए-तू ख़ुर्द
सादी शीराज़ी
बैत
बद-ओ-नेक रा बज़्ल कुन सीम-ओ-ज़र
बद-ओ-नेक रा बज़्ल कुन सीम-ओ-ज़रकि ईं कस्ब-ए-ख़ैरस्त-ओ-आँ दफ़'अ-ए-शर
सादी शीराज़ी
दोहरा
मुलतानी धनासिरी, एकताला- या हज़रत ख़्वाजा कुतुब साहब, मेरी सुन के नेक न
या हज़रत ख़्वाजा कुतुब साहब, मेरी सुन के नेक न“शाहे-आलम” ख़ादिम तुम्हरो तुम सूं मांगे माल मुल्क
शाह आलम सानी
सूफ़ी उद्धरण
जो शख़्स इसलिए अपनी इस्लाह कर रहा है कि दुनिया उसकी ता’रीफ़-ओ-इ'ज़्ज़त करे तो उसकी इस्लाह नहीं होगी, अपनी नेकियों का सिला दुनिया से माँगने वाला इन्सान नेक नहीं हो सकता, रिया-कार उस आ’बिद को कहते हैं जो दुनिया को अपनी इ’बादत से डराना चाहे
वासिफ़ अली वासिफ़
ग़ज़ल
शहीद-ए-इ’श्क़-ए-मौला-ए-क़तील-ए-हुब्ब-ए-रहमानेजनाब-ए-ख़्वाजः क़ुतुबुद्दीं इमाम-ए-दीन-ओ-ईमाने
वाहिद बख़्श स्याल
सूफ़ी कहावत
रू-ए ज़ेबा मरहम-ए-दिलहा-ए-ख़स्ता अस्त-ओ-कलीद-ए-दरहा-ए-बस्ता
एक ख़ूबसूरत चेहरा दुखी दिलों के लिए मरहम की तरह होता है, और बंद दरवाजों के लिए कुंजी
वाचिक परंपरा
ना'त-ओ-मनक़बत
गुल-ए-बुस्तान-ए-मा'शूक़ी मह-ए-ताबान-ए-महबूबीनिज़ामुद्दीन सुल्तान-उल-मशाइख़ जान-ए-महबूबी