आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "नाम-लेवा"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "नाम-लेवा"
ना'त-ओ-मनक़बत
हूँ मैं नाम-लेवा हबीब-ए-ख़ुदा कामुझे ख़ौफ़-ए-महशर हो क्यूँ कर 'नियाज़ी'
अ'ब्दुल सत्तार नियाज़ी
अन्य परिणाम "नाम-लेवा"
ना'त-ओ-मनक़बत
तुम्हारा नाम-लेवा हूँ तुम्हारा दर न छोड़ूँगागदाई काम है मेरा तुम्हीं ज़ेबा जहाँ-बानी
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
ग़ज़ल
हम ऐ 'अकरम' मोहम्मद मुस्तफ़ा के नाम-लेवा हैंहमारी मुश्किलें हो जाएँगी हल सब ब-आसानी
इकरामुद्दीन उस्मानी
ना'त-ओ-मनक़बत
होगी पूरी हर मुराद उस की ब-फ़ज़ल-ए-किर्दगारजो भी होगा नाम लेवा ख़्वाजा-ए-अजमेर का
ज़फ़र अंसारी ज़फ़र
नज़्म
निसार मैं तेरी गलियों के
बहुत है ज़ुल्म के दस्त-ए-बहाना-जू के लिएजो चंद अहल-ए-जुनूँ तेरे नाम-लेवा हैं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ना'त-ओ-मनक़बत
तुम्हारा नाम-लेवा है तुम्हीं पर जान देता हैपरेशाँ-हाल फिर क्यूँ है मुसलमाँ या रसूल-अल्लाह
अब्दुल हादी काविश
ग़ज़ल
ख़ुदा का और महबूब-ए-ख़ुदा का नाम-लेवा हूँन हल हो जाए क्यूँ 'आ'रिफ़' मिरी मुश्किल ब-आसानी
रफ़ीक़ अहमद आरिफ़
ना'त-ओ-मनक़बत
'अली के नाम-लेवा पर ज़वाल आही नहीं सकताकि अब सानी ’अली सा बे-मिसाल आही नहीं सकता
वजाहत हुसैन दाइम
सलाम
सलाम उस पर कि जिस के नाम-लेवा हर ज़माने मेंबढ़ा देते हैं टुकड़ा सरफ़रोशी के फ़साने में
माहिरुल क़ादरी
कलाम
तुम्हें मा'लूम है 'अनवर' तुम्हारा नाम-लेवा हैजो उस की बात जाएगी तो किस की बात जाएगी
अनवर फ़र्रूख़ाबादी
ग़ज़ल
ये क्या तुम ने कहा मैं 'अर्श से बिल्कुल नहीं वाक़िफ़'नसीम' देहलवी का हिन्द में वो नाम-लेवा है
अर्श गयावी
कलाम
न उठूँगा तेरे दर से कि निभाना ही पड़ेगातिरा हूँ तो नाम-लेवा मैं बुरा हूँ या भला हूँ
फ़ना बुलंदशहरी
ना'त-ओ-मनक़बत
तुम्हारे जद्द-ए-अमजद का ये अदना नाम-लेवा हैन 'आबिद है न ज़ाहिद है न 'आलम है न शा'इर है