आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "निरवान"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "निरवान"
सूफ़ी लेख
उदासी संत रैदास जी- श्रीयुत परशुराम चतुर्वेदी, एम. ए., एल-एल. बी.
घृत कारन दधि मथै लइआन। जीवत मुकत सदा निरवान।। कहि रविदास परम वैराग। रिदैरामु कीन जपिसि अभाग।।
हिंदुस्तानी पत्रिका
समस्त