आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "फ़िक्र-ओ-फ़न"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "फ़िक्र-ओ-फ़न"
ना'त-ओ-मनक़बत
इस हक़ीक़त से ज़माना मुत्तफ़िक़ है आज भीफ़िक्र-ओ-फ़न और ’इल्म-ओ-दानिश का समुंदर हैं 'अली
ख़ालिद नदीम बदायूँनी
ना'त-ओ-मनक़बत
मेरे दिल का चैन आँखों की बसारत हैं बतूलफ़िक्र-ओ-फ़न की और तसव्वुर की तहारत हैं बतूल
ख़ालिद नदीम बदायूँनी
ग़ज़ल
जिगर मुरादाबादी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "फ़िक्र-ओ-फ़न"
अन्य परिणाम "फ़िक्र-ओ-फ़न"
फ़ारसी कलाम
दिल-ओ-जिगर नज़र-ओ-दीद: जान-ओ-तन हम: ऊस्तहर आंचे हस्त दरीं ख़िरक़:-ए-कोहन हम: ऊस्त
ग़ुलाम इमाम शहीद
ना'त-ओ-मनक़बत
ख़ुश-ख़िसाल-ओ-ख़ुश-ख़याल-ओ-ख़ुश-ख़बर ख़ैरुल-बशरख़ुश-नज़्झ़ाद-ओ-ख़ुश-निहाद-ओ-ख़ुश-नज़र ख़ैरुल-बशर
शे'र
बाग़-ओ-बहिश्त-ओ-हूर-ओ-जन्नत अबरारों को कीजिए इनायतहमें नहीं कुछ उस की ज़रूरत आप के हम दीवाने हैं
निसार अकबराबादी
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
ज़ुल्फ़ आशुफ़्तः-ओ-ख़ूए-कर्दः-ओ-ख़ंदँ-लब-ओ-मस्तपैरहन चाक-ओ-ग़ज़ल-ख़्वान-ओ-सुराही दर दस्त
हाफ़िज़
बैत
बद-ओ-नेक रा बज़्ल कुन सीम-ओ-ज़र
बद-ओ-नेक रा बज़्ल कुन सीम-ओ-ज़रकि ईं कस्ब-ए-ख़ैरस्त-ओ-आँ दफ़'अ-ए-शर
सादी शीराज़ी
ग़ज़ल
बाग़-ओ-बहिश्त-ओ-हूर-ओ-जन्नत अबरारों को कीजिए इनायतहमें नहीं कुछ उस की ज़रूरत आप के हम दीवाने हैं
निसार अकबराबादी
ना'त-ओ-मनक़बत
शिकवा-ओ-’इज़्ज़-ओ-शॉं तेरी मु'ईनुद्दीन अजमेरी'अयाँ है हर ज़माँ तेरी मु'ईनुद्दीन अजमेरी