आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मिसल-ए-क़ुलक़ुल-ए-मीना"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "मिसल-ए-क़ुलक़ुल-ए-मीना"
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ परअकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
ना'त-ओ-मनक़बत
चश्म-ए-करम ख़ुदा-रा मख़दूम शाह-ए-मीनागिर्दाब-ए-मासियत में कुश्ती फँसी हुई है
शैख़ अबु सईद सफ़वी
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "मिसल-ए-क़ुलक़ुल-ए-मीना"
ग़ज़ल
हाँ मोहतसिब अगर ख़ुम-ओ-मीना शिकस्त होसाथ-ही तुम्हारे सर का भी कासा शिकस्त हो
सुलेमान शिकोह गार्डनर
ग़ज़ल
मीना-ओ-सुबू भी शाद रहें आबाद रहे वो मय-ख़ानाहर वक़्त छलकता है जिस में तस्लीम-ओ-रज़ा का पैमाना
मंज़ूर आरफ़ी
ग़ज़ल
शहीद-ए-इ’श्क़-ए-मौला-ए-क़तील-ए-हुब्ब-ए-रहमानेजनाब-ए-ख़्वाजः क़ुतुबुद्दीं इमाम-ए-दीन-ओ-ईमाने
वाहिद बख़्श स्याल
सूफ़ी कहावत
रू-ए ज़ेबा मरहम-ए-दिलहा-ए-ख़स्ता अस्त-ओ-कलीद-ए-दरहा-ए-बस्ता
एक ख़ूबसूरत चेहरा दुखी दिलों के लिए मरहम की तरह होता है, और बंद दरवाजों के लिए कुंजी
वाचिक परंपरा
ना'त-ओ-मनक़बत
गुल-ए-बुस्तान-ए-मा'शूक़ी मह-ए-ताबान-ए-महबूबीनिज़ामुद्दीन सुल्तान-उल-मशाइख़ जान-ए-महबूबी