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पद
फाल्गुन - मास फागुन धन रतन रथ, देइ कंचन दान रे ।
मास फागुन धन रतन रथ, देइ कंचन दान रे ।अश्व गज सो भूमि सेज्या, नाहिँ नाम समान रे ।।
तुलसीदास (ब्रजवासी)
पद
हम घर आये हरि का जना, राम रतन धन पायो मना।।
हम घर आये हरि का जना, राम रतन धन पायो मना।।हम घर आये हरि का जना, राम रतन धन पायो मना।।
महात्मा कल्याणदास जी
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पद
नाम-माहात्म्य के पद - राम रतन धन पायो मैया मैं ते राम रतन धन पायो
राम रतन धन पायो मैया मैं ता राम रतन धन पायोख़र्चे ना खूटे वाकूँ चोर न लूटे दिन दिन होत सवायो
मीराबाई
शबद
पायो जी मैं ने नाम रतन-धन पायो
पायो जी मैं ने नाम रतन-धन पायोपायो जी मैं ने नाम रतन-धन पायो
मीराबाई
पद
नाम-माहात्म्य के पद - पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायो
पायो जी म्हें तो राम रतन धन पायोवस्तू अमोलक दी मेरे सत-गुरु किरपा कर अपनायो
मीराबाई
पद
सद्गुरू-महिमा के पद - में तो राम जी रतन धन लास्याँ ये माँ
में तो राम जी रतन धन लास्याँ ये माँगुरु जी रा चरना में माँ जास्या
मीराबाई
मुख़म्मस
ये हिर्स-ओ-हवस की मंडी है अनमोल रतन बिक जाते हैंमहलों के परख़च्चे उड़ते हैं धनवान के धन बिक जाते हैं
नाज़ाँ शोलापुरी
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
नाम रतन धन पाए।।निःचय ही से देवल फेरा
हिंदुस्तानी पत्रिका
दकनी सूफ़ी काव्य
चन्दा ऐन ईदी बशारत दिखाया
सुराही सुरो-सानी छन्दाँ सूँप्याले-रतन मौज आरत दिखाया
कुली कुतुब शाह
सूफ़ी लेख
दूल्हा और दुल्हन का आरिफ़ाना तसव्वुर
होरी खेलूंगी कह बिस्मिल्लाहनाम नबी की रतन चढ़ी बूंद अल्लाह अल्लाह
शमीम तारिक़
दकनी सूफ़ी काव्य
नजातनामा
के कुदरत ते पैदा किया यक रतनके जिसने लिया रूप ओ त्रिभुवन