आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "लम्हे"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "लम्हे"
ग़ज़ल
ये हिज्र ये लम्हे फ़ुर्क़त के इस तौर हमें तड़पाएँ तोइस आग में जलते जलते हम ऐ यार कहीं जल जाएँ तो
सूफ़िया दीपिका कौसर
सूफ़ी लेख
मैकश अकबराबादी
मेरी उ’म्रें सिमट आई हैं उनके एक लम्हे मेंबड़ी मुद्दत में होती है ये उ’म्र-ए-जावेदाँ पैदा
शशि टंडन
कलाम
तेरे क़ुर्बाँ, तिरी इस याद के लम्हे के निसारजिसने शब-भर मुझे मसरूफ़-ए-दुआ रक्खा है
पीर नसीरुद्दीन नसीर
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "लम्हे"
ना'त-ओ-मनक़बत
मुझ को हिसार लुत्फ़ में रखते हैं मुस्तफ़ाहैं दूर मुझ से इस लिए लम्हे ज़वाल के
सद्दाम हुसैन नाज़ाँ
ग़ज़ल
तमन्नाओं की कोई ज़िंदगियाँ ले कर आया थावो रंगीं लम्हे जब थी ज़िंदगी इक ज़िंदगी अपनी
पंडित शाएक़ वारसी
ना'त-ओ-मनक़बत
हाय वो लम्हे कि जब मे'राज सरवर को हुईबख़्शिश-ए-उम्मत का सामाँ भी दरीं-अस्ना हुआ