आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "सुहाग-रात"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "सुहाग-रात"
दोहरा
सावन मद सुहाग दी सोहनी आरफ़ इबरत खादे ।
सावन मद सुहाग दी सोहनी आरफ़ इबरत खांदे ।
खिमन ख़िमदी बदल गज़कारां कई आंदे ते कई जांदे ।
ख़्वाजा ग़ुलाम फ़रीद
दोहा
'ख़ुसरव' रैन सुहाग की जागी पी के संग
'ख़ुसरव' रैन सुहाग की जागी पी के संग
तन मेरो मन पीव को दोउ भए एक रंग
अमीर ख़ुसरौ
अन्य परिणाम "सुहाग-रात"
सूफ़ी कहानी
सुल्तान महमूद का एक रात चोरों के साथ शरीक रहना -दफ़्तर-ए-शशुम
एक रात को सुल्तान महमूद भेस बदल कर निकला और चोरों की जमाअ’त के साथ हो
रूमी
दोहरा
रात डेहां फ़र्याद हमेशा एहा दिल्लड़ी दरद पुकारे ।
रात डेहां फ़र्याद हमेशा एहा दिल्लड़ी दरद पुकारे ।
दरद फ़राक़ हिजर कनूं हुन हर दम सोज़ दे नाअरे ।
ख़्वाजा ग़ुलाम फ़रीद
शबद
नींद लड़ी नहिं आवै सारी रात किस बिध होई प्रभात
नींद लड़ी नहिं आवै सारी रात किस बिध होई प्रभात
नींद लड़ी नहिं आवै सारी रात किस बिध होई प्रभात
मीराबाई
कलाम
अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की
तुम क्या समझो तुम क्या जानो बात मिरी तन्हाई की
क़तील शिफ़ाई
शे'र
चड़्ह चन्नां ते कर रुशनाई काळी रात हिजर दी
शम्हा जमाल कमाल सज्जन दी आ घर बाल असाडे
मियां मोहम्मद बख़्श
सूफ़ी कहानी
लोगों का अँधेरी रात में हाथी की शनाख़्त पर इख़्तिलाफ़ करना- दफ़्तर-ए-सेउम
ऐ तह देखने वाले, काफ़िर-ओ-मोमिन-ओ-बुत-परस्त का फ़र्क़ अलग अलग पहलू से नज़र डालने के बाइ’स ही