आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "हर-पल"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "हर-पल"
अन्य परिणाम "हर-पल"
ना'त-ओ-मनक़बत
जो एक पल भी ठहर कर मुस्तफ़ा के दर से जाता हैतो यूँ महसूस करता है कि अपने घर से जाता है
अस'अद रब्बानी
बैत
तू अबद आफ़रीं मैं हूँ दो-चार पल
तू अबद आफ़रीं मैं हूँ दो-चार पलतू यक़ीं मैं गुमाँ मैं सुख़न तू अ’मल
मुज़फ़्फ़र वारसी
काफी
मैं उडीकां कर रही कदी आ कर फेरा
हर पल तेरी हाज़िरी इहो सज्दा मेरामैं उडीकां कर रही कदी आ कर फेरा
बुल्ले शाह
ना'त-ओ-मनक़बत
क़िस्मत जो ले के जाएगी दरबार-ए-मुस्तफ़ाख़्वाहिश करूँगा मैं वहाँ हर-पल क़ियाम की