आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "हुस्न-ए-जावेदाँ"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "हुस्न-ए-जावेदाँ"
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ पर
अकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
ग़ज़ल
लिबास-ए-नौ-बनौ हर दौर में बदले हैं दोनों ने
न इश्क़-ए-सरमदी बदला न हुस्न-ए-जावेदाँ बदला
ज़हीन शाह ताजी
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "हुस्न-ए-जावेदाँ"
ग़ज़ल
चराग़-ए-मह सीं रौशन-तर है हुस्न-ए-बे-मिसाल उस का
कि चौथे चर्ख़ पर ख़ुर्शीद है अक्स-ए-जमाल उस का
सिराज औरंगाबादी
फ़ारसी कलाम
दर हुस्न-ए-रुख़-ए-ख़ूबाँ पैदा हम: ऊ दीदम
दर चश्म-ए-निको-रूयाँ ज़ेबा हम: ऊ दीदम
फ़ख़रुद्दीन इराक़ी
शे'र
वो बहर-ए-हुस्न शायद बाग़ में आवेगा ऐ 'एहसाँ'
कि फ़व्वारा ख़ुशी से आज दो दो गज़ उछलता है
अ’ब्दुल रहमान एहसान देहलवी
ना'त-ओ-मनक़बत
है हुस्न-ए-अज़ल अहमद-ए-मुख़्तार में आया
और जिन्न-ओ-मलक में ही वही नूर समाया
मख़्दूम ख़ादिम सफ़ी
ना'त-ओ-मनक़बत
हुस्न-ए-ज़ात-ए-किबरिया का आईना कलियर में है
मुस्तफ़ा तैबा में 'अक्स-ए-मुस्तफ़ा कलियर में है
अमीर बख़्श साबरी
ना'त-ओ-मनक़बत
हरीम-ए-हुस्न-ए-हक़ दरबार-ए-महबूब-ए-इलाही है
कि दीदार-ए-ख़ुदा दीदार-ए-महबूब-ए-इलाही है